ककड़िया विद्यालय में भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती मनाई गई...

नूरसराय-नालंदा, 14 अप्रैल 2023 : स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया के प्रांगण में विश्वविभूति, महामानव, संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 132 वीं जयंती हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनुज कुमार ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. अम्बेडकर के चित्र पर सभी शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं द्वारा माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर उनके सम्मुख मोमबत्तियाँ प्रज्वलित की गई।
मौके पर शिक्षाविद शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा  कि आज पूरे देश में सामाजिक सद्भावना दिवस मनाया जा रहा है। 20 वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक, तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी डॉ. भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माणकर्ता हैं। उन्होंने संत गाडगे बाबा, महात्मा ज्योतिबा फुले और संत कबीर की शिक्षा संबंधी सोच को परिवर्तन की राजनीति के केन्द्र में रखकर संघर्ष किया था। वे सामाजिक परिवर्तन के ध्वज बाहक थे। अम्बेडकर जी ने सर्व समाज का नेतृत्व किया। उन्होंने जातिपाति से परे होकर शिक्षा के महत्व को बताया। अम्बेडकर ने समाज के युवाओं को शिक्षित होने के लिए आह्वान किया। संत कबीर और अम्बेडकर जी एक ही लड़ाई के योद्धा थे इन दोनों महापुरुषों ने अपने-अपने दौर में अपने-अपने ढंग से परिवर्तन की लड़ाई को आगे बढ़ाया था। वे सामाजिक सद्भावना के क्रांतिकारी नेता थे।
जयंती समारोह में अध्यक्षता करते हुए प्रधानाध्यापक अनुज कुमार ने कहा कि अम्बेडकर जी ने जाति प्रथा का पूर्ण रूप से उन्मूलन कर इंसानियत की नींव रखी। उनमें गांधी का सपना और महात्मा बुद्ध की करुणा दोनों थी। अम्बेडकर संविधान निर्माता के साथ प्रख्यात शिक्षाविद् व समाज सुधारक भी थे।
विद्यालय के शिक्षिका पूजा कुमारी ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर आधुनिक भारत के प्रमुख विधि वेत्ता व समाजसुधारक थे। सामाजिक भेदभाव व विषमता का पग-पग पर सामना करते हुए अन्त तक वे झुके नहीं। अपने अध्ययन, परिश्रम के बल पर उन्होंने सर्वसमाज को नया जीवन व सम्मान दिलाया। उन्हें भारत का आधुनिक मनु भी कहां जाता है।
शिक्षक सच्चिदानंद प्रसाद ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की सामाजिक एवं आर्थिक सिद्दांत आजाद भारत के लिए आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर एक राष्ट्रीय नेता थे। वह उच्चवर्गीय मानसिकता को चुनौती देते हुए निम्नवर्ग के लिए ऐसे महान कार्य किये जिसके कारण सारे भारतीय समाज में वे श्रद्धेय है।
इस अवसर पर शिक्षक सर्वश्री रणजीत कुमार, अरविंद कुमार शुक्ल, मुकेश कुमार, सुरेश कुमार, विश्व रंजन कुमार, विनोद मांझी, छात्र जगरनाथ कुमार, टुनटुन कुमार, वीरमणि कुमार,विशाल कुमार, शुभम कुमार, कौशल कुमार, धीरज कुमार, छात्रा सुंदरी कुमारी, मायावती कुमारी अंशु कुमारी, माधुरी कुमारी, अंजलि कुमारी, रागिनी कुमारी, शिल्पी कुमारी सहित विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों के साथ कई ग्रामीणों ने भाग लिया।

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