शंखनाद एवं अखण्ड ज्योति के सौजन्य से निःशुल्क नेत्र जांच शिविर का हुआ आयोजन...!!
बिहारशरीफ,बबुरबन्ना-04 फरवरी 2024 : स्थानीय साहित्यिक भूमि बबुरबन्ना मोहल्ले में प्रातः 10 बजे से 03 बजे तक ‘शंखनाद’ साहित्यिक मंडली के तत्वावधान में ‘शंखनाद’ के सक्रिय सदस्य सरदार वीर सिंह के आवास के सामने पाठशाला सभागार में भव्य निःशुल्क नेत्र परीक्षण एवं निःशुल्क दवा वितरण का आयोजन किया गया। यह समाजसेवा का कार्यक्रम ‘अखण्ड ज्योति आई हॉस्पीटल’ दीघा-पटना के कुशल ख्याति प्राप्त चिकित्सकों एवं ‘शंखनाद’ साहित्यिक मंडली के द्वारा शिविर लगा कर निःशुल्क नेत्र जाँच, निःशुल्क लेंस एवं निःशुल्क आँखों का ऑपरेशन करवाने के लिए नेत्र रोगियों को चिन्हित किया गया।
मौके पर शिविर में चिकित्सक
सच्चितानंद ने कहा कि ‘शंखनाद’ साहित्यिक मंडली के कोषाध्यक्ष सरदार वीर सिंह जी एवं महासचिव समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा जी कोई राजनैतिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि एक साधारण इंसान और ‘शंखनाद’ के सक्रिय साहित्यसेवी, कर्मयोगी सदस्य, समाजसेवी एवं पर्यावरणमित्र हैं। मानव होने के नाते एक व्यक्ति का फर्ज है कि वह निःस्वार्थ भाव से साहित्यसेवा तथा आपस में एक-दूसरे की सेवा, उपेक्षित महापुरुषों को याद करना ‘शंखनाद’ साहित्यिक मंडली का सबसे बड़ा धर्म व लक्ष्य और कार्य है। महासचिव समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा तथा समाजसेवी सरदार वीर सिंह जी को जिले में व अपने आस-पास के अभावग्रस्त जरूरतमंद लोगों को देखकर यह कार्य करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने बताया कि वह इसी प्रकार लाचार अभावग्रस्त लोगों की हमेशा मदद करते रहेंगे। निस्वार्थ भाव से हर गरीब की सेवा करनेवाला और जरूरतमंदों की मदद करनेवाला ही सच्चा मानव-धर्म निभाता है। सभी प्राणियों में मनुष्य को श्रेष्ठ इसलिए माना जाता है कि दया, क्षमा, प्रेम और परोपकार की भावना सिर्फ इन्हीं में देखने को मिलती है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि गरीबों की मदद के लिए समृद्ध लोग को हाथ बढ़ाना चाहिए।
मौके पर ‘शंखनाद’ के महासचिव साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि समृद्ध व्यक्तियों तथा समाजसेवियों को जरूर गरीबों की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा-सेवा करने के लिए अमीर होना आवश्यक नहीं है। समाज सेवा आप जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा में मदद, अपने आस-पास स्वच्छता रखकर, गरीब,असहाय रोगियों की सेवा करके इन विभिन्न माध्यमों से कर सकते हैं। समाज सेवा सिर्फ अमीर लोग या पैसे वाले ही नहीं कर सकते बल्कि, गरीब आदमी ज्यादा अच्छी तरह समाज सेवा कर सकता है। अधिकतर पैसे वाले लोग समाजसेवा कम, दिखावा ज्यादा करते हैं। समाजसेवा के पीछे उनका उद्देश्य नाम कमाना होता है। बहुत कम ही पैसे वाले होते हैं जो निःस्वार्थ समाजसेवा करते हैं। समाजसेवा में पैसों से जयादा भावनाओं की जरूरत होती है। समाजसेवा का मतलब समाज में रहनेवाला हर वह जरूरतमंद, फिर चाहे वह इंसान हो या पशु, जरूरत पड़ने पर उसकी सहायता करनी है।
मौके पर समाजसेवी सरदार वीर सिंह ने कहा कि गरीबों की सेवा ही सच्ची भगवत-सेवा है। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म-गुरुओं ने अपना सारा जीवन मानवता की रक्षा के लिए व्यतीत किया। गरीब और असहायों की सेवा ही गुरु की सेवा है। दुनिया में इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नही होता। समाज के कमजोर तबके की भलाई के लिए यथायोग्य समर्थ लोगों को आगे आना चाहिए। दीनहीनों की भलाई करने वाले का ईश्वर मददगार होता है। गरीबों की सेवा करना सच्चा धर्म है। क्योंकि, गरीबों में ईश्वर का निवास होता है और मैं भी लाचार व गरीब की सेवा में ही विश्वास रखता हूं।
मौके पर शंखनाद के साहित्यकार प्रोफेसर (डॉ.) शकील अहमद अंसारी ने कहा- गरीब व लाचार लोगों की सेवा ही ईश्वर की पूजा है। क्योंकि सभी धर्मों के धर्मगुरुओं ने कहा है कि गरीबों की सेवा हर हाल में करनी चाहिए। तभी आपकी अर्जित संपत्ति आपके काम आएगी। इसलिए सभी लोगों की यह जिम्मेदारी बनती है कि आपके पास जो कुछ हो उसमें से थोड़ा बहुत गरीबों की सेवा में जरूर लगाएं।
इस अवसर पर ‘शंखनाद’ साहित्यिक मंडली के सक्रीय सदस्य समाजसेवी सुरेन्द्र कुमार, डॉ. सच्चितानंद सहायक चिकित्सक लक्ष्मण कुमार, पर्यवेक्षक रंजन कुमार, नरगिस खातून, शकुंतला देवी, प्रबंधक अशद उस्मानी, प्रधानाध्यापक शारे अली, मानिकचन्द प्रसाद, उमेश यादव, नरेश प्रसाद यादव, खुर्शीदा खातुन, मो.जमालुद्दीन, युवराज सिंह, अजीत पासवान, श्रवन पासवान, राम प्रसाद चौधरी, राजकिशोर चौधरी, संध्या देवी, कामता पासवान सहित नालंदा जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के 156 लोगों की जाँच की गई, जिनमें से 78 मोतियाबिंद रोगियों को चिन्हित किया गया। चिन्हित मोतियाबिंद रोगियों की निःशुल्क दवा और लेंस सहित ऑपरेशन अखण्ड ज्योति आई हॉस्पीटल दीघा घाट-पटना के कुशल चिकित्सक के द्वारा किया जाएगा।
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