अति पिछड़ा पदाधिकारी कर्मचारी कल्याण समिति की बैठक नालंदा के बबुरबन्ना में संपन्न...!!

बिहारशरीफ, 9 जून 2024 : 9 जून 2024 दिन रविवार को अति पिछड़ा पदाधिकारी कर्मचारी कल्याण समिति की बैठक बिहारशरीफ के साहित्यिक भूमि बबुरबन्ना में आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता अति पिछड़ा पदाधिकारी कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल सहनी जी ने एवं संचालन समिति के महासचिव सुबोध कुमार सिंह ने किया। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। इस दौरान नालंदा जिला अति पिछड़ा पदाधिकारी कर्मचारी कल्याण समिति के नालंदा जिला इकाई का गठन किया गया। 
बैठक में राकेश बिहारी शर्मा, दिलीप कुमार, मुन्ना लाल, राम सागर राम, राज हंस कुमार, मनोज कुमार, मिथिलेश चौहान, रंधीर बिहारी शरण को नालंदा जिला अति पिछड़ा पदाधिकारी कर्मचारी कल्याण समिति के दस सदस्यीय संयोजक मंडल बनाये गये, जो अपने-अपने विभाग के संयोजन करेंगे।
 बैठक में नव निर्वाचित संयोजक राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि सरकारी दस्तावेज में दर्ज जातियों की संख्या के अनुसार, अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग में 22, अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग में 32, पिछड़ा वर्ग में 30, अत्यंत पिछड़ा (ईबीसी) वर्ग में सबसे ज्यादा 114 और उच्च वर्ग में सबसे कम 7 जातियां यहां निवास करती हैं। बिहार में अति पिछड़ा वर्ग में शामिल जातियों की संख्या 114 है। अलग-अलग जिलों में इनकी मौजूदगी है। बिहार में कर्पूरी के अति पिछड़ा वर्ग हासिये पर है। पिछड़ा वर्ग आरक्षण की लड़ाई का सबसे महत्वपूर्ण चरण तो राजनीतिक आरक्षण का है, जो अभी तक अनसुलझा है या यूं कहें कि उसे किसी तरह दूसरे मुद्दे उठाकर दबाकर रखा गया है।
मौके पर बिहार सरकार के आप्त सचिव एवं बैठक के मुख्य वक्ता समिति के महासचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि आज हमारा समाज अन्य समाज के मुकाबले अति पिछड़ा हुआ है। हमारे समाज द्वारा किया जाने वाला सामाजिक कार्य भी बंद हो चुका है। समाज के लोगों द्वारा बच्चों को शिक्षा नहीं दिलाने के कारण समाज पिछड़ता जा रहा है। किसी भी समाज के उत्थान के लिए उनके बच्चों का शिक्षित होना आवश्यक है। उन्होंने समाज के बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवाने का आहवान किया। तथा समिति एवं उनके कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा अति पिछड़ा वर्ग के पदाधिकारी / कर्मचारी के विकास के लिए बिहार के सभी जिले एवं प्रखंड स्तर पर घूम-घूम कर पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस संघर्षशील, जुझारू समिति से जोड़ कर समिति को सशक्त बनाना है। उन्होंने कर्मचारियों के कार्यों की प्रशंसा की तथा आयोजित बैठक के लिए उन्हें कृतज्ञता अर्पित किया। 
मौके पर अध्यक्षता करते हुए समिति के अध्यक्ष अनिल सहनी जी ने कहा कि जाति गणना के आधार पर राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में ऊंची और प्रभावशाली जातियों का वर्चस्व है। जिसे छिनना है और संख्याधारित आरक्षण को लागू कराना है। वर्तमान समय में अब योग्य लोगों की कमी नहीं हैं। लेकिन अभी भी उच्चतम पदों और जिम्मेदारियों को संभालने वालों में ऊंची जातियां ही हावी हैं। केंद्र सरकार अति पिछड़ा का हक़ छीनने पर उतारू है और उसने एक बार फिर से अपने अति पिछड़ा विरोधी चेहरे और आरक्षण विरोधी मानसिकता को देश की जनता के सामने उजागर किया है।
समिति के सह संयोजक दिलीप कुमार ने कहा कि हमारा समाज पिछड़ा हुआ है। समाज का पिछड़ापन दूर करने के लिए अपने बच्चों को शिक्षित करें। शिक्षा से ही समाज का विकास व पिछड़ापन दूर हो सकता है। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज के खिलाफ बड़ी साजिश की गयी है।
मौके पर मुन्ना लाल ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से केंद्र सरकार लगातार अति पिछड़ा समाज के अधिकारों में कटौती करती जा रही है। केंद्र सरकार पिछड़ा और अतिपिछड़ा विरोधी है। इस बैठक में नालंदा जिला के अनेकों बुद्धजीवियों एवं पदाधिकारी, कर्मचारीगण उपस्थित रहकर आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किये।
बैठक में नागेंद्र सहनी, रविभूषण शर्मा, अनिल कुमार,  सुनील कुमार, राम सागर राम, ओंकार कुमार, धर्मवीर प्रसाद, नवनीत कृष्ण, राज हंस कुमार सरदार वीर सिं सहित कई वक्ताओं ने समिति के कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और अपने शक्ति के अनुसार सहयोग देने की बात कही।

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