ककड़िया विद्यालय में मनाई गई क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा की पुण्यतिथि ...!!

नूरसराय-ककड़िया, 17 अगस्त 2024 : स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया के प्रांगण में विद्यालयके चेतना सत्र में महान स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध नायक मां भारती के सच्चे सपूत और स्वाधीनता संग्राम के अप्रतिम क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा की 115 वीं पुण्यतिथि श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिक्षाविद् दिलीप कुमार ने किया जबकि मंच संचालन विद्वान शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद् दिलीप कुमार ने कहा कि मदन लाल ढींगरा लंदन में भारत के प्रख्यात राष्ट्रवादी विनायक दामोदर सावरकर एवं श्याम कृष्ण वर्मा के संपर्क में आए, जो ढींगरा की प्रचंड देशभक्ति से बहुत प्रभावित हुए थे। सावरकर ने ही मदनलाल को अभिनव भारत नामक क्रांतिकारी संस्था का सदस्य बनाया तथा हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया था। उस समय खुदीराम बोस, कन्हाई लाल दत्त, सतिदर पाल और काशी राम जैसे क्रांतिकारियों को मृत्युदंड दिए जाने से वह बहुत क्रोधित थे, जिसने ढींगरा को सीधे बदला लेने के लिए विवश किया और उन्होंने भारत सचिव के राजनीतिक सलाहकार सर विलियम हट कर्जन वायली के चेहरे पर पांच गोलियां दागी, जिसके चलते उन्हें 17 अगस्त 1909 को फासी दी गई थी। 
मौके पर संचालन करते हुए विद्वान शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि अमर शहीद मदन लाल ढींगरा महान् देशभक्त, धर्मनिष्ठ क्रांतिकारी योद्धा थे। मदन लाल ढींगरा ने भारत माँ की आज़ादी के लिए जीवन-पर्यन्त अनेक प्रकार के कष्ट सहन किए, परन्तु अपने मार्ग से विचलित न हुए और स्वाधीनता प्राप्ति के लिए फाँसी पर झूल गए। शहीद मदन लाल ढींगरा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अप्रतिम क्रांतिकारी थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता की चिगारी को अग्नि में बदलने का काम किया।
शिक्षक सच्चिदानंद प्रसाद ने कहा कि मदनलाल ढींगरा जैसे क्रांतिकारी वीरों की बदौलत ही देश को आजादी मिली है। इस आजादी को बरकरार रखने के लिए युवा पीड़ी को आगे आना होगा। मां भारती के वीर सपूत और महान क्रांतिकारी श्री मदनलाल ढींगरा जी के बलिदान दिवस परपर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
शिक्षक जितेंद्र कुमार मेहता ने कहा कि- मां भारती के सच्चे सपूत और स्वाधीनता संग्राम के अप्रतिम क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि, भारत माता को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए आपने जीवन पर्यंत अनेक कष्ट सहे, परंतु कर्तव्य मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए।
शिक्षक अरविंद कुमार शुक्ला ने कहा कि अनेक ऐसे शूरवीर व देशभक्त क्रांतिकारी हुए हैं जिन्हें देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने के बावजूद आजाद भारत में वह सम्मान नहीं मिल पाया जिसके वे हकदार थे। इनमें से एक पराधीन भारत के ज्वलंत क्रांतिकारी शहीद मदन लाल ढींगरा भी थे। जिन्हेँ आज ही के दिन फासी दी गई थी।
इस अवसर पर शिक्षक मनुशेखर कुमार, अनुज कुमार, विश्वरंजन कुमार, सुरेश कुमार, रणजीत कुमार सिन्हा, सतीश कुमार, मुकेश कुमार, शिक्षा सेवक रामजी चौधरी, छात्रा सोनाली कुमारी, स्नेहा कुमारी, चांदनी कुमारी, नन्दनी कुमारी, साजन कुमारी, शिल्पी कुमारी, छात्र रवीश कुमार, ललन कुमार, अजय कुमार, अंकित राज, आदित कुमार, हिमांशु कुमार, बाल संसद के प्रधानमंत्री रजनीश कुमार सहित विद्यालय परिवार के समस्त बच्चों एवं शिक्षकों ने भी इसमें बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

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