मध्य विद्यालय ककड़िया में मनाया संविधान दिवस, छात्र और छात्राओं ने संविधान के सम्मान की शपथ ली..!!

 
● मध्य विद्यालय ककड़िया में धूमधाम से मनाया गया संविधान दिवस
नूरसराय-ककड़िया, 26 नवम्बर 2024 : स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया के प्रांगण में मंगलवार को स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देश पर धूमधाम से “संविधान दिवस” मनाया गया। इस अवसर पर छात्रों को भारत के संविधान के बारे में अनेक जानकारियां दी गईं। साथ ही बच्चों ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए संविधान के सम्मान की शपथ ली। इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार, वरीय शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने भारत का संविधान पुस्तक के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में, संविधान को अंगीकृत करने के 75 वर्ष पूर्ण होने के महत्व को उत्सव के रूप में "हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान" पर कई कार्यक्रम आयोजित किये गए।
इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाध्यापक शिक्षाविद् दिलीप कुमार ने कहा कि संविधान में दिए गए सभी अधिकार एवं कर्तव्य आम नागरिक के सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के नियमों का पालन करते हुए प्रत्येक व्यक्ति अपने समाज और देश का उत्थान कर सकता है। भारत का संविधान खूबियों से भरा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। यह संविधान दिवस समाज में सामाजिक समरसता प्रदान करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
मौके पर वरीय शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने बताया कि हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को ही बनकर तैयार हुआ था। इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था इसके लिए हम प्रत्येक वर्ष के 26 जनवरी को ‘गणतंत्र दिवस’ के रूप में मनाते हैं। हमारे संविधान के निर्माण का कार्य 1946 में आरंभ हो गया था। तब संविधान सभा के अध्यक्ष हमारे भारत के प्रथम राष्ट्रपति देश रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद निर्वाचित किए गए थे और संविधान लेखन की प्रारूप समिति के अध्यक्ष बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर चुने गए थे। तब 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन के गहन विचार-विमर्श और अथक परिश्रम के बाद 26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुआ था। संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय भारत सरकार ने 19 नवंबर 2015 को 26 नवंबर के दिन को “संविधान दिवस” के रूप में मनाने का फैसला किया था। इस दिन स्कूल और कॉलेजों में भारत के संविधान की प्रस्तावना को पढ़ाया जाता है। इसके साथ ही भारत के संविधान की विशेषता और महत्व पर भी चर्चा की जाती है। उन्होंने संविधान का विस्तृत वर्णन करते हुए संविधान को अन्य सभी धार्मिक पुस्तकों से सर्वश्रेष्ठ पवित्र पुस्तक का दर्जा दिया। उन्होंने संविधान में दिए मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों का पालन करने का आग्रह किया।
  शिक्षक सच्चिदानन्द प्रसाद ने भारतीय संविधान के महत्व पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि देश को आजादी के बाद सुव्यवस्थित संचालन के लिए आज ही 26 नवंबर को संविधान लागू किया गया। देश में संविधान की महत्ता को बढ़ाने के लिए इस दिन संविधान दिवस के रूप मनाया जा रहा है।
 शिक्षक मनुशेखर कुमार गुप्ता ने कहा- हमारा संविधान केवल कानूनों का एक संग्रह नहीं है। ये भारत की आत्मा का प्रतिबिंब है। ये हमें अधिकार देता है, तो उसके साथ अपने कर्तव्य भी याद दिलाता है।
मंच संचालन करते हुए  शिक्षक जितेन्द्र कुमार मेहता ने संविधान का महत्व बताते हुए कहा कि भारतीय संविधान दुनियां के बेहतरीन दस्तावेजों में से एक है। हर भारतीय को इसकी रक्षा का प्रण लेना चाहिए। 
मौके पर विद्यालय के शिक्षक अनुज कुमार, सुरेश कुमार, अरविन्द कुमार शुक्ल, रणजीत कुमार सिन्हा, पूजा कुमारी, सतीश कुमार, मो. रिज़वान अफताब, रामजी चौधरी, राजवीर कुमार, सोनाली कुमारी, छोटी कुमारी, शिवानी कुमारी, साहिल कुमार, हीरामणि कुमार, लवली कुमारी, खुशी कुमारी, मोहन कुमार और बाल संसद के प्रधानमंत्री सौरभ कुमार सहित कई ग्रामीण गणमान्य लोगों ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।
मौके पर संविधान के विषय वस्तु पर बच्चों के बीच अभिनय, विचार गोष्ठी और निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों ने संविधान के प्रारूपण की ओर ले जाने वाली घटनाओं को दर्शाते हुए एक लघु नाटक प्रस्तुत किया। छात्रों को संवैधानिक मूल्यों और भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों से परिचित कराया गया। डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी गई, जिन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कक्षा 7 के छात्र राजवीर कुमार ने डॉ. अंबेडकर जी की भूमिका को बखूबी निभाया।

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