मोगलकुआँ गुरुद्वारा में हर्षोल्लास से मनाया गया बैसाखी पर्व...!!
बिहारशरीफ 15 अप्रैल 2023 : श्री गुरुनानक देव जी शाही संगत मोगलकुआँ बिहारशरीफ में शुक्रवार को बड़े ही श्रद्धा के साथ भाई रवि सिंह ग्रंथी जी के देख-रेख में धारा 144 को ध्यान में रखते हुए सादगीपूर्ण बैसाखी-पर्व या सजना दिवस मनाया गया।
मौके पर शंखनाद साहित्यिक मंडली के महासचिव राकेश बिहारी शर्मा ने बताया कि बैसाखी के दिन ही सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने पंजाब के रूपनगर (रोपड़) जिले स्थित आनंदपुर साहिब में 30 मार्च, 1699 को बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की। गुरु गोविंद सिंह जी ने पंचप्यारों के शीश मांगकर खालसा पंथ की स्थापना की। इसी दिन उन्होंने सर्वप्रथम पाँच प्यारों को अमृतपान करवा कर खालसा बनाया। उन पाँच प्यारों के हाथों से स्वयं भी अमृतपान किया। गुरु गोविंद सिंह जी को अपना शीश देने के लिए तैयार हुए पांचों व्यक्तियों में से ज्यादा समाज द्वारा नीची समझी जाने वाली जातियों में से थे और खासतौर पर दस्तकार थे। उनमें से एक नाई, एक खत्री था, एक जाट, एक धोबी और एक कुम्हार था। सिक्ख पंथ के पंचप्यारों में नाई समाज के भाई साहिब सिंह जी एवं बहुजन समाज के भाई दया सिंह, भाई धर्म सिंह, भाई हिम्मत सिंह और भाई मोहकम सिंह का नाम शामिल हैं। उन्होंने कमजोरों और लाचारों की रक्षा करने की सीख दी। गुरु गोविंद सिंह ने पुरुषों के नाम के बाद सिंह व स्त्रियों के नाम के बाद कौर लगाकर सिक्ख कौम की स्थापना की थी।
शंखनाद के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा- गुरु गोबिंद सिंह जी जन्मजात योद्धा तथा मानवता के रक्षक थे। उन्होंने कभी भी अपनी सत्ता को बढाने या किसी राज्य पर काबिज होने के लिए नहीं लड़े। पूरी उम्र दुनिया को समर्पित करने वाले गुरु गोबिंद सिंह जी ने त्याग और बलिदान,सामाजिक उत्थान, मानव सेवा का जो अध्याय लिखा, वो दुनिया के इतिहास में अमर हो गया। गुरु गोबिंद सिंह द्वारा बनाया गया खालसा पंथ आज भी सिक्ख धर्म का प्रमुख पवित्र पंथ है। आज भी पूरी दुनिया में मानव सेवा के लिए सुविख्यात है।
मौके पर भाई सरदार वीर सिंह ने कहा कि बैसाखी सिख धर्म के लिए एक अत्यन्त महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह न केवल फसलों के पकने को बताता है वरन वर्ष 1699 में गुरु गोबिंद सिंह द्वारा स्थापित किए गए खालसा पंथ की भी याद दिलाता है। यह केवल एक जश्न और खुशियों से भरा त्यौहार नहीं है वरन एक धार्मिक उत्सव है जब दुनिया भर में मौजूद सिख समुदाय खालसा पंथ की स्थापना करने वाले महान गुरु को याद करते हैं।
बैसाखी पर्व के अवसर पर गुरुद्वारा में सुबह आठ बजे गुरुवाणी पाठ की गई। श्रद्धालुओ ने निशान साहिब की पूजा की। इसके साथ ही गुरुद्वारे में मत्था टेका और अरदास की। इसके बाद भाई रवि सिंह ग्रंथी ने उपस्थित लोगों के साथ कीर्तन दरबार सजाकर शबद-कीर्तन गायन किया व बैसाखी पर्व के बारे में विस्तार से बताया। सभी ने एक-दूसरे को बैसाखी की शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर सभी समुदाय के उपस्थित लोगों के बीच गुरुद्वारा में कड़ा प्रसाद, खीर, लड्डू इत्यादी प्रसाद का वितरण किया गया।
इस दौरान सद्भावना मंच (भारत) के संस्थापक भाई दीपक कुमार, शिक्षाविद राजहंस कुमार, भाई युवराज सिंह जी, सुनीता कौर, भाई दीप सिंह जी, रिंकू कौर, समाजसेवी सुरेन्द्र प्रसाद शर्मा, समाजसेवी राजदेव पासवान, शिक्षाविद राजहंस कुमार, विजय कुमार पासवान, जसप्रीत कौर, एकामनी कौर, तरुण कुमार, रीतीक कुमार, चांदनी देवी, काव्या कुमारी, रंजीत प्रसाद, कुंदन कुमार सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहकर इंसानियत और परोपकार की शिक्षा ली एवं गुरुनानक देव जी के अनमोल संदेशों का आत्मसात किया।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें - शंखनाद