कन्वेंशन में पुराने श्रम कानून बहाल करने की उठी मांग उठी..!!
बिहार शरीफ 10 मई 2023 : केंद्र व राज्य सरकारों की मजदूर-कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आहवान पर (इंटक एटक सीटू ऐक्टू) नालंदा का जिला स्तरीय मजदूर-कर्मचारियों का कन्वेंशन बुधवार को बिहार राज्य अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ कार्यालय भैंसासुर स्थित सभागार में अध्यक्षीय मंडल ऐक्टू के मकसूदन शर्मा,एटक के मोहन प्रसाद एवं सीटू के रविंद्र सिंह की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित कर मजदूरों को एकजुट होने का आह्वान किया।
अध्यक्षीय भाषण में मकसूदन शर्मा ने कहा कि देश की आजादी के बाद लंबे संघर्ष की बदौलत मजदूरों के हित में 44 श्रम कानून बनाए गए थे। उनके जरिये सभी वर्ग के मजदूरों को समानता का अधिकार मिला था। दुर्भाग्य की बात है कि वर्तमान केंद्र सरकार ने उन श्रम कानूनों को समाप्त कर दिया। मजदूरों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। अधिकतर ठेका मजदूरों को अब सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही है। केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण देश की हालत बदतर होती जा रही है। देश के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को निजी कंपनियों के हाथों बेचा जा रहा है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम और बढ़ती महंगाई के कारण मजदूरों के साथ ही आमजन भी त्रस्त हैं।
मौके पर एटक के मोहन प्रसाद ने कहा कि श्रम कानूनों का हमारे देश में पालन नहीं हो रहा है। बिहार में भी श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मजदूरों से समय से ज्यादा काम लिया जा रहा है, लेकिन वेतन उन्हें बहुत ही कम दिया जा रहा है। इस पर किसी की भी रोक नहीं है। ऐसे में मजदूरों के पास आंदोलन करने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचा है।
बिहार अराजपत्रित प्रारम्भिक शिक्षक संघ के पूर्व महासचिव मो. तस्लीमुद्दीन ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा मजदूरों, किसानों एवं आमजनों के प्रति दुरुस्त नहीं है। इसलिए सभी मजदूरों एवं आमजनों को एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष करने की जरूरत है। मजदूरों को वाजिब अधिकार दिलाने के लिए इस यूनियन ने हमेशा संघर्ष किया है और आगे भी करती रहेगी।
मौके पर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के सचिव संजय कुमार ने कहा कि वर्तमान की केन्द्र सरकार ने श्रमिक संगठनों को कमजोर किया है। और मजदूर आन्दोलन को कमजोर करने के लिए विभाजनकारी नीतियों को बढ़ावा दे रही है।
कॉमरेड रविंद्र सिंह ने कहा कि अपने अधिकारों को बचाने के लिए संघर्षों को तेज करने की जरूरत है।
मौके पर कन्वेंशन में शिक्षक नेता राकेश बिहारी शर्मा, कॉमरेड जनार्दन प्रसाद,कॉमरेड पाल बिहारी लाल, कॉमरेड विनोद रजक, कॉमरेड पाल बिहारी लाल, मो. जाहिद अंसारी,मो.नसीर, विजेंद्र प्रसाद, वाल्मीकि प्रसाद, मिथिलेश कुमार,किशोरी साव, मो.शादिक, कांति कुमारी, रामप्रित केवट, गिरधारी रविदास,मनोज कुमार, श्रवण कुमार, शिवन दास, बंगाली दास, मंगल दास, राजकुमार दास सहित कई नेतृत्वकर्ता उपस्थित थे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें - शंखनाद