भारतीय संविधान राष्ट्र को चलाने का एक लिखित दस्तावेज है: श्रीकांत कुमार
बिहारशरीफ, 3 जुलाई 2023 : 2 जुलाई दिन रविवार की देरशाम बामसेफ (बैंकवर्ड एंड माइनोरिटी कम्युनिटी इम्पलॉयज फेडरेशन) की बैठक एवं बीएस-फोर प्रशिक्षण शिविर का अयोजन हर्ष क्लिनिक गल्ला पट्टी रोड सोहसराय में किया गया। जिसकी अध्यक्षता मू. शिववालक पासवान ने की।
प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत समस्त अतिथियों द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की चित्र पर मोमबत्ती प्रज्वलित कर भारतीय संविधान की उद्देशिका का पाठ कर किया गया।
मौके पर संगठन के वरीय उपाध्यक्ष साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने उपस्थित बामसेफ के साथियों को बताया कि बामसेफ एक विचारधारा है, यह संगठन कर्मचारियों का संगठन है और गैरसरकारी कर्मचारियों के साथ व्यवस्था परिवर्तन करने के लिये आज एकदिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। उन्होंने कहा- आजादी के 76 साल बाद भी हम अपने अधिकारों के प्रति सजग और जागरूक नहीं हो पाए हैं, जिसकी वजह से हम अपने दोस्त और दुश्मन की पहचान कर सकने में असफल हुए हैं। इस वजह से आज हमारी शिक्षा और रोजगार आहिस्ता-आहिस्ता करके हमारे हाथों से निकलते जा रहे हैं, इसलिए हम शनैः शनैः गुलामी की दास्तां की ओर बढ़ रहे हैं। हम सब को अपने और अपने बच्चों का भविष्य बचाना है, तो शिक्षा के साथ-साथ संविधान को गले लगा कर लोगोंको बताना ही होगा। उन्होंने ने बामसेफ के बारे में उपस्थित लोगों को विस्तार से जानकारी दी तथा समस्त एसटी, एससी, ओबीसी और मूलनिवासी समाज को एक मंच पर आने के लिए आह्वान किया और मूलनिवासी समाज के महापुरुषों के विचारों को समाज में स्थापित करने पर जोर दिया।
मौके पर प्रशिक्षण शिविर के मुख्य वक्ता बिहार प्रदेश बामसेफ तथा उसके आनुषंगिक क्लस्टर प्रभारी श्रीकांत कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान राष्ट्र को चलाने का एक लिखित दस्तावेज है जो सर्वोपरि है, जिसके आधार पर सम्पूर्ण देश चलाया जा रहा है, पर अफसोस इस बात का है कि राष्ट्र के 80 फीसदी लोगों को अपने सर्वोच्च दस्तावेज की जानकारी नहीं है, जबकि यह समतामूलक राष्ट्र निर्माण का एक क्रांतिकारी संवैधानिक आधार है। बामसेफ अनुशासनिक ताकत को भली–भाँति समझते हैं और मानते हैं। संगठन वह होता है जहां निश्चित विचार, निश्चित उद्देश्य, निश्चित दिशा और समान कार्य होता है। बिहार राज्य में 38 जिले हैं। लगभग इन सभी जिलों में पिछले कुछ वर्षों से संविधान जागरूकता कार्यक्रम लगातार चल रहा है। “डोर टू डोर बीएस-फोर सामाजिक लोकतंत्र की ओर” इस नारे को लेकर कई कार्यकर्ता संगठनात्मक रूप से कार्य कर रहे हैं। बीएस-फोर अर्थात भारतीय संविधान सम्मान सुरक्षा व संवर्धन महा जनजागरण अभियान। इस अभियान के तहत लोगों को संविधान के बारे में न केवल जानकारी दी जा रही है बल्कि उन्हे संविधान को लागू करने-करवाने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। प्रखंड स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक लगातार प्रशिक्षण शिविर होते रहते हैं। इन प्रशिक्षण शिविरों के लिए बामसेफ का अपना एक (पाठ्यक्रम) सिलेबस है, जिसके माध्यम से लोगों को प्रशिक्षित किये जाते हैं।
बामसेफ के राज्य परिषद सदस्य एवं संविधान प्रबोधक सुरेश पासवान ने बीएस-फोर के बारे में विस्तार से प्रशिक्षित करते हुए कहा- संविधान क्या है? इसके कार्य क्या हैं? समाज के लिए उसकी क्या भूमिका है? हमारे दैनिक जीवन से संविधान का क्या संबंध है? इन विषयों पर गंभीरता के साथ उपस्थित बामसेफ के प्रशिक्षणार्थियों को सजगता से प्रशिक्षित किया। उन्होंने कहा- देश की व्यवस्था परिवर्तन के लिए राष्ट्रव्यापी जनांदोलन की जरूरत है। काफी संख्या में कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है। जो संगठन कैडरबेस होता है वहीं अपनी सम्पूर्ण आजादी को हासिल कर सकता है।
बामसेफ के उपाध्यक्ष राजेश कुमार रमन ने कहा कि देश में आरक्षण नाम मात्र का है। आज भी लोक तंत्र के चार स्तंभों कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका एवं प्रेस पर ब्राह्मणवादी संस्कृति व्यवस्था कायम है। आजादी के छह दशक बाद भी समान शिक्षा प्रणाली की अवधारणा भारतीय समाज के लिए सपना है। देश में समान शिक्षा प्रणाली लागू होना जरूरी है।
प्रशिक्षण शिविर में बामसेफ के राज्य परिषद सदस्य डॉ. राजीव रंजन जी, बामसेफ नालन्दा के जिलाध्यक्ष केशो जमादार, सचिव मो. जाहिद हुसैन, मू. सरदार वीर सिंह, सूरज यादव, रंजीत कुमार, सामंती सिन्हा, डॉ. आनंद वर्द्धन, भोला पासवान, कमलेश पासवान, हेमंत कुमार, हरेंद्र पासवान, रामाश्रय पासवान, रामशोभित प्रसाद, अमरकांत रविदास, चिंटू कुमार, अजय कुमार, महेंद्र प्रसाद, साक्षी कुमारी, अरविंद पासवान, दुखी दास, गुलाब चंद बिंद, अरुण कुमार, शिव कुमार पासवान, संतोष कुमार, सुरेंद्र कुमार सहित नालंदा जिले के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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