बिहारशरीफ में प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का हुआ शुभारंभ ...!!

बिहारशरीफ, 15 अक्तूबर 2023 : स्थानीय बिहारशरीफ के कमरुद्दीनगंज मोहल्ले में प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का शुभारंभ किया गया। जिसकी अध्यक्षता पतंजलि योग प्रचारक अजीत कुमार ने की। 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एवं विशिष्ट अतिथि नालंदा के ख्यातिप्राप्त योग विशेषज्ञ योग गुरु रामजी प्रसाद यादव, अतिथि शंखनाद साहित्यिक मंडली के महासचिव शिक्षाविद् राकेश बिहारी शर्मा ने आयुर्वेद जगत के प्रणेता तथा वैद्यक शास्त्र के देवता एवं
 आयुर्वेद के जनक धनवंतरी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर विधिवत समारोह की शुरुआत हुई। 
इस उद्घाटन समारोह के पूर्व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पतंजलि योग प्रचारक अजीत कुमार ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा अद्भुत है जिसको सही स्वरूप में प्रस्तुत करने की जरूरत है। प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा उसी ज्ञान परम्परा का एक महत्वपूर्ण भाग है। दिनचर्या एवं खानपान में प्रकृति के साथ समन्वय बहुत जरूरी है। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति विश्व की सबसे पुरानी, निरापद एवं कारगर पद्धति है, जिसमें बिना उत्तेजक दवाओं के प्रत्येक बीमारियों का इलाज संभव है। उन्होंने कहा कि निस्वार्थ भाव से सेवा की जाए तो सेवाभावी भामाशाहों की कमी नहीं है।
समारोह के मुख्य अतिथि अधिवक्ता वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि पहले हम सुना करते थे कि लोग उपचार कराने दुनिया के विकसित देशों में जाते हैं, मगर आज पूरी दुनिया प्राचीन भारतीय ज्ञान और परंपरा में बेहतर स्वास्थ्य की संभावना तलाश रही है। कोरोना काल में हमने अपनी प्राकृतिक चिकित्सा की ताकत को पहचाना है। प्राकृतिक चिकित्सा प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसका उल्लेख हमारे वेदों और पुराणों में मिलता है। इसका प्रादुर्भाव प्रकृति के साथ ही हुआ है। यह रोगों के निदान का संसाधन मात्र नहीं बल्कि एक जीवन दर्शन है।
पतंजलि योगपीठ योग ग्राम हरिद्वार के पूर्व चिकित्सक एवं वर्तमान प्राकृतिक चिकित्सा केंद के वैद्य डॉ. भुनेश अग्रवाल जी ने कहा कि इस प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में प्राकृतिक चिकित्सा, पंचकर्म, अष्टकर्म एवं योग के माध्यम से सभी का इलाज किया जाएगा। आज लोग अनेकों प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हैं और सभी बीमारियों का इलाज एलोपैथी में संभव नहीं है, इसके लिए हमें प्राकृतिक रूप से वापस लौटना होगा। आज समय की मांग है अपने ऋषि मुनियों की प्राचीन चिकित्सा पद्धति, प्राकृतिक चिकित्सा और योग को अपनाना होगा। संस्थान में आधुनिक उपकरणों व प्राकृतिक साधनों से एक्युप्रेशर, चुंबक, आहार, नेचुरोपैथी द्वारा उपचार किया जाएगा। जोड़ों का दर्द स्लिप डिस्क सरवाईकल, फ्रोजन शोल्डर आर्थराइटिस, माइग्रेन, थाइराइड, अनिद्रा, मधुमेह, त्वचा एवं महिला संबंधी विभिन्न रोगों का इलाज इस प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में होगा।
मौके पर शंखनाद के महासचिव शिक्षाविद् राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि भारतीय चिकित्सा पद्धति का प्रभाव पिछले वर्ष कोविड के दौरान देखने को मिला। जहां दवाइयों का असर नहीं हो रहा था, वहीं जड़ी-बूटी और योग ने जीवन रक्षा में अमूल्य योगदान दिया। गांधी जी को आधुनिक भारतीय चिकित्सा पद्धति में प्राकृतिक चिकित्सा का प्रथम चिकित्सक माना गया है। हमने अपने परंपरागत भोजन परम्परा को त्याग कर जंक फूड लेना शुरू किया उसका दुष्परिणाम आज सामने है। हम सभी को प्रकृति के साथ जीना होगा, पंचभुतों के साथ रहना होगा तभी हम स्वस्थ्य जीवन जी सकते हैं। 

वैदिक विज्ञान पर आधारित है प्राकृतिक चिकित्सा
समारोह के विशिष्ट अतिथि ख्यातिप्राप्त योग विशेषज्ञ योग गुरु रामजी प्रसाद यादव जी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पूर्णतः वैदिक विज्ञान पर आधारित है, जो प्रकृति के पंचभुतों पर आधारित है जिसमें किसी प्रकार का जोखिम नहीं है। पर्यावरण प्रदूषण के इस दौर में प्रकृतिक चिकित्सा पद्धति बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा- भारतीय योग, ध्यान, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाना होगा। इसे अपनाकर हम अपने जीवन को स्वस्थ और निरोगी बना सकते हैं।

इस दौरान पतंजलि महिला प्रभारी रागनी आर्या,भारत स्वाभिमान के जिला प्रभारी अविनाश कुमार, किरण देवी, रेखा देवी, कुंदन कुमार, मूलचंद, यसवंत कुमार, शिल्पी कुमारी, शुभेष कुमार, अरुण कुमार सिंह,डोमन जी सहित शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ककड़िया विद्यालय में हर्षोल्लास से मनाया जनजातीय गौरव दिवस, बिरसा मुंडा के बलिदान को किया याद...!!

61 वर्षीय दस्यु सुंदरी कुसुमा नाइन का निधन, मानववाद की पैरोकार थी ...!!

ककड़िया मध्य विद्यालय की ओर से होली मिलन समारोह का आयोजन...!!