योग कोई मजहबी नहीं है, योग एक वैज्ञानिक, सार्वभौमिक व पंथनिरपेक्ष जीवन पद्धति है : राकेश कुमार...!!

बिहार शरीफ, 8 अक्टूबर 2023 : स्थानीय श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में  
आदरणीय राकेश कुमार जी मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भारत स्वाभिमान एवं पतंजलि योगपीठ के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी राकेश कुमार के आगमन पर भारत स्वाभिमान/ पतंजलि योग महासम्मेलन का एक दिवसीय आयोजन किया गया।  
मौके पर परम् पूज्य योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज का ऑनलाइन मार्ग-दर्शन (लाइव प्रसारण वीडियो कान्फ्रेंस) किया गया।
केन्द्रीय प्रभारी राकेश कुमार जी ने कहा कि भारत के नालंदा ने विश्व को आध्यात्मिक, दार्शनिक, वैज्ञानिक क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। वर्तमान में योग को शीर्ष पर ले जाने में, विश्व कीर्तिमान बनाने एवं विश्व में जन-जन को योग से परिचित कराने में सबसे अधिक भूमिका यदि किसी का रहा है तो वह पतंजलि योगपीठ का रहा है पतंजलि  योगपीठ ट्रस्ट के संस्थापक एवं परमाध्यक्ष योग ऋषि स्वामी रामदेव जी का रहा है तथा उनके निर्देशन में संचालित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय, प्रखंड स्तरीय, ग्राम स्तरीय व वार्ड स्तरीय पतंजलि योग समिति संगठन के माध्यम से लोगों को योग प्राणायाम का ज्ञान देकर उनके स्वास्थ्य एवं एवं संतुलित दिनचर्या के प्रति सचेत किया जाता रहा है। दरअसल योग एक विचार नहीं बल्कि भारतीय जीवन पद्धति है जिसमें भारतीय जीवन मूल्य यानि संस्कृति समाहित हैं। योग कोई मजहबी परम्परा या अभ्यास नहीं है, अपितु योग एक वैज्ञानिक, सार्वभौमिक व पंथनिरपेक्ष जीवन पद्धति है। रोगियों के लिए योग एक सम्पूर्ण चिकित्सा (पद्धति) तथा योगियों के लिए एक साधना पद्धति, मुक्ति का मार्ग और जीवन में पूर्णता प्राप्त करने का साधन है। योग की जड़े भारतीय संस्कृति के साथ पौराणिक काल से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी पतंजलि योग समिति ने ऑनलाईन, सोशल मिडिया इत्यादि के माध्यम से योग को जन-जन तक घर-घर तक पहुंचाया है और इसी क्रम को पुन: बिहार के प्रत्येक पार्क, गांव, सार्वजनिक स्थल पर शिवरात्री के दिन से प्रारंभ किया हैं जिसे 5000 हजार योग कक्षाओं को स्थापित करना है जिससे कि वर्तमान भारत को दिव्य भारत बनाने में पुरुषार्थ की पराकाष्ठा करते हुए आने वाले भारत के 500 वर्षों के बारे में अत्यंत सुदृढ़, दीर्घकालिक, मौलिक कार्य करने के लिए पतंजलि अग्रसर है। 
भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि आज की भागमभाग वाली जिंदगी में बड़ी संख्या में लोग अनेकों बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। इनमें ज्यादातर संख्या युवाओं की है, इसलिए युवाओं को स्वस्थ रहने के लिए योग जरूर करना चाहिए। उन्होंने कहा- पूरी दुनिया में शायद ही ऐसा कोई देश है जो योग शब्द से परिचित न हो। योग की महत्ता प्राचीन काल से है। योग ऋषि स्वामी रामदेवजी महाराज के अनथक प्रयास से योग को आज पूरी दुनिया में एक नई दृष्टि से देखा जाने लगा है।
पतंजलि के राज्य प्रभारी अजीत कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा- श्रद्धेय स्वामी जी महाराज देश हित, राष्ट्र धर्म को सर्वोपरि मानते हैं और राष्ट्र की मुल इकाई व्यक्ति को मानते हैं। उन्होंने कहा- योग धर्म नहीं एक विज्ञान है, यह स्वस्थ जीवन का विज्ञान है। योग से मानव का शरीर ही नहीं बल्कि मन,कर्म और वचन की शुद्धि होती है। योग से विज्ञान का गहरा संबंध है। योग कल्याण और यौवन का विज्ञान है, यह शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने का विज्ञान है। भारत को परम वैभव शाली बनाने के लिए योग से जुड़ें और पुनः विश्व गुरु बनाने के अभियान में अपनी भूमिका निभाएं।
इस सम्मेलन में मुख्य रूप से प्रदेश संरक्षक उदय शंकर प्रसाद, योग गुरु रामजी प्रसाद यादव, राकेश बिहारी शर्मा, विनय कुमार, सुनील स्वाभिमानी, सुजीत कुमार, शिक्षक संजय कुमार सिन्हा, सरदार वीर सिंह, अवध नारायण, उमाशंकर पसवान, पंकज पाण्डेय, शिवजी मिश्र, संगीता आर्य, सुशीला कुमारी, रागनी आर्या, अनिल जी, पंकज कुमार, राजेंद्र राय मदन जी सहित दक्षिण बिहार के सभी जिले के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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