शिक्षा केवल रोजगार के लिए नहीं, बल्कि ज्ञान के लिए है– प्रो अनिल कुमार...!!


बिहारशरीफ, 02 नवम्बर 2023 : 1 नवम्बर दिन बुधवार की देरशाम शंखनाद साहित्यिक मंडली के तत्वावधान में शंखनाद कार्यालय स्थित सभागार में “वर्तमान समय में राष्ट्रीय एकता और सद्भावना का महत्व” विषय पर संगोष्ठी एवं नालंदा के गांधी सद्भावना दूत दीपक कुमार के सम्मान में शंखनाद के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह की अध्यक्षता में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया है।
स्वागत समारोह में नालंदा के गांधी सद्भावना दूत दीपक कुमार जी को पुष्प-माला पहनाकर एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही साथ इस यात्रा में बेहतर सहयोग देने के लिए समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा को भी सद्भावना मंच के प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार गुप्ता, राजगीर विधानसभा के पूर्व विधायक रवि ज्योति जी एवं सद्भावना दूत दीपक कुमार जी ने अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
संगोष्ठी में उपस्थित समारोह के विशिष्ट अतिथि श्री रवि ज्योति जी को फूलमाला और अंगवस्त्र देकर शंखनाद के सदस्यों ने सम्मानित किया गया।
मौके पर रवि ज्योति ने उपस्थित लोगों से देश के उन विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ने का आह्वाहन किया, जो समाज को धर्म, क्षेत्र, भाषा, जाति, पंथ या रंग के आधार पर विभाजित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी आजादी के 76वें वर्ष में प्रत्येक भारतीय को पद्मश्री डॉ. एसएन सुब्बाराव जी के संदेश विविध समाज में एकता व सद्भाव को और मजबूत करने का आज संकल्प लेना चाहिए। 
मुख्य अतिथि के रूप में नालंदा महिला कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि गांधीवादी विचारक भाई दीपक जी एक ऊर्जावान नवजवान, पर्यावरणविद, सुब्बाराव के अनन्य भक्त, गांधी के विचारों को पूरे भारत में पहुंचने वाले एक सशक्त समाजसेवी हैं। पिछले लगभग 20 वर्षों से वह सुब्बाराव जी के विचारों के साथ समाजसेवा कर रहे हैं और समाजसेवियों के बीच में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए शंखनाद के अध्यक्ष इतिहासकार प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि सादगी, सरलता, प्रेम से लोगों के हृदय में बसने वाले पद्मश्री डॉ. एसएन सुब्बाराव के परम स्नेही नालंदा के गांधी सद्भावना दूत दीपक कुमार ने गांधी विचार, राष्ट्र प्रेम, सद्भावना एवं शांति के लिए समर्पित हैं। उस भाई जी सुब्बाराव के विचार को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ही प्रदेश में यह साइकिल यात्रा की है। उन्होंने कहा- शिक्षा का लक्ष्य आजीविका कमाने के लिए व करियर बनाने तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका उद्देश्य मातृभूमि के लिए काम और संघर्ष करने वाले संतानों का निर्माण करना होना चाहिए। उन्होंने रेखांकित किया कि यह सुनिश्चित करना शिक्षकों का पवित्र कर्तव्य है कि उनके छात्र हमारे प्राचीन भारतीय ज्ञान के महान आध्यात्मिक आदर्शों को आत्मसात करें और भारतीय संस्कृति पर गर्व करें। इस बात पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा केवल रोजगार के लिए नहीं, बल्कि ज्ञान और समाज में एकता व सद्भाव के लिए है। उन्होंने भारत के युवाओं से पद्मश्री डॉ. एसएन सुब्बाराव जी के सपनों को वास्तविकता में बदलने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। उन्होंने आगे कहा कि सभी मनुष्य जाति का उत्थान सुब्बाराव जी की शिक्षाओं के केंद्र में है। भारत व पूरे विश्व में उनकी सोच को फैलाने के लिए लगातार प्रयास करने का आह्वाहन किया।
गोष्ठी में शंखनाद के महासचिव राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि हमारे महात्मा गांधी जी और पद्मश्री डॉ. एसएन सुब्बाराव जी ने हमेशा राष्ट्र-प्रेम, सद्भावना एवं विश्व शांति के लिए भारतीय संस्कृति को अपनाने की सलाह दी। हजारो वर्षों से भारतीय संस्कृति की देन ही समाज और देश को एकता के सूत्र में बांधे है। सदभावना साइकिल यात्रा उसी सोच को जन-जन तक पहुंचाने का काम सद्भावना दूत दीपक कुमार जी कर रहे हैं। 
शंखनाद के उपाध्यक्ष बहुभाषाविद् नामचीन शायर बेनाम गिलानी ने कहा कि देश को सबल बनाने के लिए सांप्रदायिक सद्भाव और सौहार्द बनाए रखने की जरूरत है। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि प्रेम से प्रेम और घृणा से घृणा उत्पन्न होती है। हमारा पथ प्रेम और अहिसा का होना चाहिए। घृणा व हिसा सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है। 
प्रोफेसर ललन कुमार सिंह ने कहा कि एसएन सुब्बाराव जी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को न केवल आत्मसात किया, बल्कि अंतिम सांस तक गांधी के विचार को जीवित रखा।  राष्ट्र-प्रेम, सद्भावना एवं विश्व शांति का जो संदेश दिया वह युवाओं को प्रेरणा देता रहेगा। भाई दीपक जी सुब्बाराव जी के संदेशों को जन-जन में पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं। 
शंखनाद के कोषाध्यक्ष समाजसेवी सरदार वीर सिंह ने कहा- डॉ.एस.एन. सुब्बाराव जी शांति, सद्भावना तथा राष्ट्रीय एकता के महान दूत थे। उनकी प्रेरणा से दुनिया भर में लाखो युवाओ ने समाज सेवा का रास्ता अपनाया।
शिक्षाविद् मो. जाहिद हुसैन ने कहा कि सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश ने अनेकता में एकता की नींव को मजबूत किया है। धर्म-जाति से ऊपर उठकर मानवता का धर्म स्वीकार करना वर्तमान समय की जरूरत है।
इस दौरान नालंदा महिला कॉलेज की एनएसएस अधिकारी प्रोफेसर आसिया प्रवीन, शिक्षाविद् राजहंस कुमार, समाजसेवी धीरज कुमार, साइकिलिस्ट अपर्णा सिन्हा, समाजसेविका मोनी कुमारी, संजय कुमार शर्मा, चंदन मिश्रा सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे। गोष्ठी का कुशल संचालन भाई दीपक जी ने किया। वही धन्यवाद् ज्ञापन शंखनाद के महासचिव राकेश बिहारी शर्मा ने दिया। कार्यक्रम में नालंदा महिला कॉलेज के कई छात्राएं एवं अध्यापक उपस्थित थे।

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