सीतामढ़ी काव्य महोत्सव में सम्मानित किये गये नालंदा के लाल-नवनीत कृष्ण

(शंखनाद- महासचिव साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा)
बिहारशरीफ : सीतामढ़ी शहर स्थित एक रीसॉर्ट के सभागार में ‘सीतामढ़ी काव्य महोत्सव’ का भव्य आयोजन रविवार देरशाम को किया गया। नव भारती सेवा न्यास व माताश्री कौशल्या रामदेव डॉ. गणेश राय डिग्री कालेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुए इस महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों से नामचीन शायर, कवि, प्रतिष्ठित स्थानीय कवि एवं गणमान्य लोग शामिल हुए।
महोत्सव की शुरआत बिहार विधान परिषद के उपसभापति डॉ. रामचंद्र पूर्वे ने किया। संस्था की सचिव कवयित्री प्रीति सुमन ने बताया कि यह महोत्सव तीन सत्रों पुस्तक विमोचन(ह्यकाव्यम् ह्य काव्य-संग्रह), सम्मान- समारोह व विराट कवि सम्मेलन के साथ संपन्न हुआ। कॉलेज के सचिव डॉ. गणेश राय ने बताया कि ऐसे आयोजन साहित्यिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ-साथ नये साहित्यकारों को प्रकाश में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। महोत्सव में सभी साहित्यकारों को धन्यवाद ज्ञापन करने का कार्य प्रशाखा पदाधिकारी नेहा भारती ने किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि महोत्सव की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। सीतामढ़ी में फिर से सांस्कृतिक-साहित्यिक जागरण हो रहा है। 
महोत्सव में युवा कवि कुंदन आनंद ने ‘है नमन तुमको पावन हे सीतामढ़ी’ पढ़कर तीसरे सत्र में कवि सम्मेलन की शानदार शुरुआत की।
 कार्यक्रम का संचालन करते हुए राष्ट्रीय शायर व नामचीन चर्चित् कवि नवनीत कृष्ण ने शे’र- “तेरी बातों में हम रह गए, खुद से ग़ाफ़िल सनम रह गए”।, “भीड़ है अब रियाकारों की, चाहने वाले कम रह गए”। महोत्सव में पढ़कर ख़ूब तालियां बटोरी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रामचंद्र पूर्वे ने राष्ट्रीय शायर व नामचीन कवि नवनीत कृष्ण को नव भारती सेवा न्यास व माता श्री कौशल्या रामदेव डॉ. गणेश राय डिग्री कॉलेज के तरफ से स्मृति चिन्ह एवं उमाशंकर लोहिया सम्मान से सम्मानित किया।
डॉ. आरती कुमारी ने ‘सबसे अच्छा गांव है’ पढ़कर लोगों का दिल जीत लिया। हास्य कवि रंजीत दुधु ने ‘सब कमाई ऐकरे में हमर समाल हे,ई मोबाईलबा हमरा ले काल है’ पढ़कर लोगों को ठहाके लगाने पर मज़बूर कर दिया। कवयित्री प्रीति सुमन ने सीतामढ़ी पर अपनी रचना पढ़कर लोगों को भाव विभोर कर दिया।
 कार्यक्रम में शिरकत करने वाले मुख्य रचनाकारों में गया से चर्चित् शायर कुमार आर्यन, नालंदा से राष्ट्रीय शायर व नामचीन कवि नवनीत कृष्ण, कवि रंजीत दुध्दु, काठमांडू से करुणा झा, मुंबई से कृष्णानंद दिक्षित, लखनऊ से बलवन्त सिंह, निवेदिताश्री, मुकेश कुमार मिश्रा, शीला वर्मा ‘मीरा’,सहरसा से प्रियांक झा, बरौनी से कवि जितांशु ,खगड़िया से स्वराक्षी स्वरा ,पटना से मोईन गिरिडीहवी, मधुरेश नारायण, शमा तसमीन नाज़ा ,समस्तीपुर से कुंदन आनंद, अर्चना चौधरी, मुजफ्फरपुर से पंकज कर्ण, डॉ आरती कुमारी, आस्था दीपाली, चांदनी समर, आमिर हमजा, मधुकर वनमाली, सीवान से नीलम श्रीवास्तव, हाजीपुर से नगेन्द्र मणि, रेणु शर्मा। दरभंगा से नैना साहू, डॉ मनोज कुमार आदि शामिल थे। विमल परिमल, संगीता चौधरी, धीरेन्द्र झा माणिक्य, कल्याणी शाही, रामकिशोर चकवा, सत्येंद्र मिश्र, बच्चा प्रसाद विह्वल सहित सीतामढ़ी के कई वरिष्ठ कवियों ने भाग लिया।

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