वसंत साहित्य उत्सव सह साहित्य विरासत यात्रा में पुस्तक का हुआ विमोचन ..!!

बिहारशरीफ 11 मार्च 2024 : 10 मार्च दिन रविवार की देरशाम को हिरण्य पर्वत बिहारशरीफ पर वसंत साहित्य उत्सव 2024 सह “साहित्य विरासत यात्रा” का आयोजन देश के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार बिहार सरकार के आप्त सचिव सुबोध कुमार सिंह की अध्यक्षता किया गया। मौके पर शंखनाद साहित्यिक मंडली के महासचिव साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा द्वारा रचित पुस्तक “पर्यावरण प्रबंधन” का विमोचन बिहार सरकार के आप्त सचिव सुबोध कुमार सिंह, बिहार सरकार के सुचना एवं जन-सम्पर्क उप निदेशक लाल बाबू सिंह एवं शंखनाद परिवार द्वारा किया गया। 
पुस्तक विमोचन (लोकार्पण) के मौके पर विषय प्रवेश कराते हुए शंखनाद के महासचिव साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने लोकार्पित पुस्तक और शंखनाद के उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि शंखनाद नालन्दा ने अपने स्थापना काल से साहित्यिक कृतियों के सृजन के क्षेत्र में निरंतर अग्रसर है। इस कड़ी में आज मेरी पुस्तक “पर्यावरण प्रबंधन” का विमोचन किया गया।
 
शंखनाद के अध्यक्ष इतिहासज्ञ डॉ लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि पर्यावरण के असंतुलन से अनेक प्रकार की समस्याएं खड़ी हो रही हैं। यदि हम पर्यावरण के प्रति सजग नहीं हुए तो आने वाले समय में ये समस्याएं और विकाराल हो जाएंगी। शंखनाद से जुड़े रचनाकारों की अनेक पुस्तकें विगत 2020 से लगातार अब तक प्रकाशित हो रही हैं। 
 
समारोह की अध्यक्षता करते हुए बिहार सरकार के आप्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा द्वारा रचित यह “पर्यावरण प्रबंधन” पुस्तक विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। पुस्तक विद्यार्थियों और शिक्षकों को जिस मूल्यपरक पुस्तक की आवश्यकता होती है। उसके सभी गुण इस पुस्तक में विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है कि आज की युवा प्रतिभाओं एवं वरिष्ठ लेखकों द्वारा न केवल जीवन की समस्याओं पर वरन् पर्यावरण, संस्कृति, भाषा, शिक्षा आदि विषयों पर बेहतरीन पुस्तकें लिखीं जा रही हैं।
  
मौके पर बिहार सरकार के सुचना एवं जन-सम्पर्क उप निदेशक लाल बाबू सिंह ने कहा कि “पर्यावरण प्रबंधन” पुस्तक समीचीन होते हुए विद्यार्थियों के लिए अति उपयोगी तथा एक प्रेरणास्रोत है। उन्होंने शंखनाद साहित्यिक मंडली समूह की ओर से लोकार्पित यह पुस्तक वर्तमान समय का शुभ संकेत बताते हुए इसे नयी पीढी के लिए प्रेरणा का आधार बताया।
वरिष्ठ साहित्यकार चितरंजन भारती ने कहा कि यदि किसी कवि या लेखक की रचना पुस्तक का रूप नहीं लेती तो वह लोगों के सामने नहीं आ पाती। किताब लिखे जाने के बाद उसे पाठक के सामने प्रस्तुत किया जाना ज़रूरी है। इस तरह के पुस्तक हमारे साहित्य को समृद्ध करती है।
साहित्यकार शैलेन्द्र कुमार ने कहा साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा द्वारा लिखे गये सारगर्भित पुस्तक “पर्यावरण प्रबंधन” पर मुझे अपार खुशी है। इससे मुझे भरोसा है कि पर्यावरण प्रबंधन विद्यार्थियों के ह्र्दय में सरस सलिला सतत प्रवाहित होती रहेगी। भारतीय संस्कृति और वेदों में पर्यावरण संरक्षण का सन्देश मिलता है। हमारे पूर्वजों ने पर्यावरण की धरोहर दी है। उसकी रक्षा करना हम सबका कर्त्तव्य है, ताकि आने वाली पीढियो को हम स्वच्छ पर्यावरण दे सकें। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक वर्तमान सन्दर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है आज पर्यावरण की समस्याएं दुनिया के सामने चुनौती है।
मौके पर समाजसेवी सरदार त्रिलोक सिंह निषाद ने कहा कि जिन प्राणियों ने हमारे जीवन में सुख दिया हमने उसे देवता के रूप में माना ताकि उनका संरक्षण हो सके। उदाहरण के लिए हम मयूर, सर्प, चूहा, सिंह इन सभी प्राणियों को हमने देवताओं के तुल्य माना है जिससे कि समस्त मानव जाति उनके प्रति दया भाव और उदारता की भावना रखे। उन्होंने नदियों के कम होते जलस्तर तथा पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की।
प्रोफेसर विश्राम प्रसाद ने कहा कि साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा की पुस्तक “पर्यावरण प्रबंधन” में आज के परिदृश्य के अनुसार महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान दिया गया है। यह पुस्तक प्रासंगिक है। पुस्तक लोगों को पर्यावरण के विषय में प्रति चिंतन करने के लिए प्रेरित करेगी उन्होंने वर्तमान संदर्भ में पर्यावरण की विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया। 
साहित्यकार बेनाम गिलानी ने कहा कि तथाकथित विकसित देश जिनमें विश्व की 20 प्रतिशत आबादी रहती है, विश्व के 80 प्रतिशत प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं। वे अपनी सुविधा के अनुसार पर्यावरण के संबंध में विश्व की 80 प्रतिशत आबादी पर अपने विचार थोप रहे हैं।
प्रोफेसर शकील अहमद अंसारी ने कहा कि हम प्रकृति के संरक्षण व पर्यावरण प्रबंधन के लिए पेड़, पहाड़, सूर्य आदि की पूजा करते हैं।  हमारे शास्त्रों में पर्यावरण की रक्षा की बात कही गई है। इसलिए हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए पश्चिम की ओर न देखते हुए, अपनी आवश्यकताओं को सीमित रखकर प्रकृति को सुरक्षित रखना है। 
कार्यक्रम के दुसरे सत्र में कवि सम्मेलन एवं होली मिलन समारोह का आयोजन संगीतज्ञ रामसागर राम के कई सुमधुर होली गीतों एवं गजलों से किया गया। जिसका सफल संचालन शंखनाद के मीडिया प्रभारी राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण ने किया। समारोह के अंत में शंखनाद के महासचिव साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
समारोह में सम्मानित होने वाले साहित्यकार एवं समाजसेवी समाजसेवी सरदार त्रिलोक सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार चितरंजन भारती निषाद, साहित्यकार शैलेन्द्र कुमार, शिव कुमार प्रसाद, डॉ. पुरंजय कुमार, संगीतकार रामसागर राम को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 
इस अवसर पर पुरातत्ववेत्ता व साहित्यकार प्रोफेसर ललन कुमार सिंह, छंदकार सुभाष चंद्र पासवान, व्यंग्य एवं हास्य कवि उदय कुमार भारती, शायर सफिक जानि नादा, कवि महेंद्र कुमार विकल, डॉ. गोपाल शरण सिंह
 नालन्द, डॉ. आनंद वर्द्धन, कवि व साहित्यकार रवीन्द्र कुमार, धीरज कुमार, कवयित्री रेखा सिन्हा, कवयित्री कुमारी सोनी, राजीव रंजन पाण्डेय, अर्जुन राम, कवि राजहंस कुमार, राजदेव पासवान, पवन कुमार चंद्रवंशी ,  घनश्याम कुमार, मो. जाहिद हुसैन, कामेश्वर प्रसाद सिन्हा, डॉ. विजय कुमार सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

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