ककड़िया मध्य विद्यालय में होली मिलन समारोह का आयोजन..!!
नूरसराय-ककड़िया, 27 मार्च 2024 : नूरसराय प्रखंड क्षेत्र स्थित मध्य विद्यालय ककड़िया में 25 मार्च दिन सोमवार को छात्र-छात्राओं के बीच होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया।
होली मिलन समारोह की शुरुआत विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार द्वारा बच्चों को तिलक लगाने से हुई। छात्रों ने गुरुजनों को होली पर्व की शुभकामनाएं दिया तो गुरुजनों ने छात्रों को भी मंगल कामना का आशीर्वाद दिया।
मौके पर विद्यालय परिसर में आयोजित होली मिलन समारोह को सम्बोधित करते हुए शिक्षाविद् शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि भारत में भाषा, जाति, धर्म संप्रदाय, क्षेत्रीयता की विविधता के बावजूद होली भारतीय जनमानस के बीच प्रेम की संवाहक बनकर विचरण करती है। होली को उन्होंने विश्व बंधुत्व भावना का प्रदर्शक बताया। इस पर्व का अपना एक अलग महत्व है। यह हमारे जीवन में खुशियों और उल्लास के रंग भरता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से पानी के दुरुपयोग न करने की सलाह दी। कहा कि पानी प्रकृति का अनमोल उपहार है, इसलिए हमें सूखी होली खेलने का संकल्प लेना चाहिए। हमारा देश पुरातन काल से ही उत्सवधर्मी रहा है, होली सिर्फ रंगो का ही त्यौहार नहीं है बल्कि यह सामाजिक समरसता एवं आपसी सौहार्द का प्रतीक है। यह पर्व आपसी आत्मीयता एवं सहभागिता का अनूठा पर्व है। होली पर्व अधर्म पर धर्म का विजय का भी संदेश देता है। उन्होंने कहा की त्यौहार का सजीव चित्रण तभी संभव है जब हम अपनी अच्छी सोच एवं सकारात्मक विचारों को उन्नतशील बनाएं।
मौके पर प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने कहा कि होली आपसी प्रेम, भाईचारा और सौहार्द का त्योहार है। इस त्योहार को बिना किसी भेदभाव के मनाना चाहिए। किसी प्रकार का हुड़दंग नहीं करना चाहिए और न किसी को जबरन रंग लगाना चाहिए। होली उमंग तथा आपसी प्रेम का त्योहार है। होली प्रेम का प्रतीक है। इस पर्व को प्राचीन काल से मनाते आ रहे हैं। इतिहास गवाह है कि अकबर, जहांगीर और बहादुर साह के राज दरबार में भी यह मनाया जाता था। उन्होंने बच्चों से प्राकृतिक रंगों से होली खेलने की सीख दी। होली हमें देश की सभ्यता और संस्कृति का भी संदेश देता है।
शिक्षक सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। क्योंकि सभी पर्वों का अपना-अपना अलग-अलग महत्व होता है। जिसके कारण देश में अनेकता में एकता कायम है। यहीं कारण है कि पर्वों के मनाने से पहले उनसे जुड़ी मान्याताओं को भी सभी लोग प्राथमिकता देकर मनाते है।
इस मौके पर समारोह में उपस्थित नालंदा जिले के प्रख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं पर्यावरण प्रेमी डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि यह त्योहार एकता का संदेश देता है। हम सभी को रंगों की तरह ही आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए। होली का पावन पर्व आपसी भाईचारे का संदेश देता है। इस पावन पर्व में सभी गिले शिकवे भूलाकर शांतिपूर्वक त्यौहार मनाना चाहिए।
शिक्षक सच्चिदानंद प्रसाद ने होली की महत्ता पर जानकारी दी और कहा कि यह त्यौहार आपसी प्रेम ,सौहार्द और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली पर्व हमें आपसी मनमुटाव को खत्म कर,प्रेम और शांति के साथ मिलजुल कर रहने का संदेश देता है।
शिक्षक जितेन्द्र कुमार मेहता ने कहा कि हमसभी को आपसी गिले-सिकबे और द्वेष भुलकर होली मनानी चाहिए।
शिक्षक सतीश कुमार ने शिरकत करते हुए कहा की इस होली को शांति से मनाने का संकल्प ले तभी होली सार्थक होगी।
शिक्षक अरविन्द कुमार शुक्ला ने कहा कि रंग का यह त्योहार विविधता में एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और देश के भाग्य निर्माता भी हैं। रंगों का यह त्योहार खुशियां और उल्लास लेकर आता है। हम सारे गिले शिक्वे भूलकर एक दूसरे से दिल खोल कर मिलते हैं।
इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक रणजीत कुमार सिंहा, शिक्षक अरविन्द कुमार शुक्ला, शिक्षक अनुज कुमार, मो. रिज़वान आफ़ताब, मुकेश कुमार, शिक्षा सेवक रामजी चौधरी, बाल संसद के प्रधानमंत्री वीरमणि कुमार, शिक्षा मंत्री जुली कुमारी, मुस्कान कुमारी, अंजलि कुमारी, रागनी कुमारी, प्रियंका कुमारी, अंजलि कुमारी, शिल्पी कुमारी, सुरुचि कुमारी, सोनाली कुमारी, नन्दनी कुमारी, शिवानी कुमारी,अंशु कुमारी, अर्जुन कुमार, अजय कुमार, हिमांशु कुमार, राजवीर कुमार समेत और कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
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