इतिहासकार डॉ लक्ष्मीकांत सिंह की ऐतिहासिक उपन्यास “स्वर्ण गुफा” का हुआ लोकार्पण ...!
बिहारशरीफ, 31 मार्च 2024 : रविवार को बिहार के बहुचर्चित इतिहासविद् एवं साहित्यकार, शंखनाद के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह की चर्चित ऐतिहासिक पुस्तक “स्वर्ण गुफा” का लोकार्पण समारोह साहित्यिक भूमि बबुरबन्ना स्थित बिहारी निवास में हुआ।
लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी साहित्यकार सुबोध कुमार सिंह, साहित्यकार मधु सिंह एवं नालन्दा के नामचीन छंदकार सुभाषचंद्र पासवान के करकमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।
समारोह की अध्यक्षता हिंदी के प्रकांड विद्वान प्रोफेसर डॉ. शकील अहमद अंसारी ने तथा संचालन चर्चित शायर नवनीत कृष्ण ने किया।
लोकार्पण समारोह में विषय प्रवेश कराते हुए शंखनाद साहित्यिक मंडली के महासचिव राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि “स्वर्ण गुफा” एक ऐतिहासिक उपन्यास है,जो पटना के कमिश्नर स्टुअर्ट कॉल्विन बेले के इर्दगिर्द घूमती है। एक प्राचीन ऐतिहासिक कथानक के सूत्र को खोजने के सिलसिले में स्टुअर्ट बिहार आते हैं और उस व्यक्ति से मिलते हैं, जो अपने पूर्वजों से जुड़ी रहस्यमयी कहानी सुनाता है। कहानी रहस्य और रोमांच से भरी हुई है। शंखनाद के विद्वान अध्यक्ष इतिहासकार प्रो. (डॉ.) लक्ष्मीकांत सिंह, पालि भाषा के शिक्षक के साथ-साथ अनेक ऐतिहासिक शोध ग्रंथों के लेखक हैं। आज बिहारशरीफ के लिए गौरवपूर्ण दिन है कि इस बिहारशरीफ की धरती पर यहाँ के ऐतिहासिक पुस्तक “स्वर्ण गुफा” का लोकार्पण हो रहा है। इतिहासज्ञ डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह की यह पुस्तक दुर्लभ ऐतिहासिक उपन्यास है। यह ऐतिहासिक पुस्तक भारत के ऐतिहासिक लेखन के लिए एक प्रामाणिक अभिलेख होगी।
इस समारोह के मुख्य अतिथि साहित्यकार सुबोध कुमार सिंह ने कहा- उदंतपुरी की मिट्टी में भारत के प्राचीन राजवंशों का इतिहास छिपा हुआ था, जिसे इतिहासज्ञ डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने ऐतिहासिक पुस्तक “स्वर्ण गुफा” के रूप में क्रमिक और बारीकी से लिखा है। यह ऐतिहासिक पुस्तक वर्षों की क्रमिक अनुसंधान पर आधारित ऐतिहासिक तथ्यों का औपन्यासिक संकलन है। ये लगातार साहित्यिक और ऐतिहासिक पुस्तकें लिख रहे हैं। इनका पहला उपन्यास "डुकारेल की पूर्णिया" विदेशों में भी काफी चर्चित है। इस उपन्यास में डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने उदंतपुरी से संबंधित सभी प्राचीन ऐतिहासिक तथ्यों एवं साक्ष्यों को संग्रहित कर लिखा है। शंखनाद साहित्यिक मंडली के सौजन्य से लोकार्पण के इस कार्यक्रम को देखकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। उम्मीद है डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह का अनुगमन कर युवा लेखक, साहित्य लेखन की परंपरा को उत्साह के साथ सदैव आगे बढ़ाते रहेंगे। एक पीढ़ी के बाद दूसरी पीढ़ी का लेखन कार्य में लग जाना सुखद अनुभूति होगा। यह पुस्तक बिहारशरीफ (उदन्तपुरी) के इतिहास और वर्तमान में दिलचस्पी रखने वालों के लिए सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में एक है।
मौके पर इतिहासज्ञ लेखक डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने बताया कि ऐतिहासिक पुस्तक “स्वर्ण गुफा” एक ऐतिहासिक उपन्यास है। इसमें उदंतपुरी की ईसा पूर्व 9वीं से लेकर वर्तमान बीसवीं शताब्दी की अप्रकाशित तथ्यों एवं ऐतिहासिक संदर्भ आधारित एक कथा है। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक के माध्यम से लोग उदंतपुरी (बिहारशरीफ) के प्राचीन तथा वर्तमान के बारे में विस्तार से जान सकेंगे। पुस्तक में उदंतपुरी के इतिहास में भगवान बुद्ध, सम्राट अशोक,गुप्तवंश, पाल वंशीय शासकों के साथ ब्रिटिश शोधकर्ताओं से जुड़ी रोचक घटनाओं के साथ आधुनिक बिहारशरीफ से जुड़ी ऐतिहासिक परम्पराओं का अवलोकन किया जा सकता है।
इस कार्यक्रम के अध्यक्षता करते हुए हिंदी के विद्वान प्रोफेसर डॉ. शकील अंसारी ने कहा कि "स्वर्ण गुफा" पाठक को एक अलौकिक रहस्यमयी दुनिया में ले जाने में सक्षम है। इस ऐतिहासिक पुस्तक के द्वारा बिहार के इतिहास के ऊपर जमी हुई धूल और छाए हुए कोहरे को हटाया गया है, ताकि इसके स्वर्णिम अतीत की झलक से लोग परिचित हो सकें। इसके लिए लेखक ने ऐतिहासिक ब्रिटिश शोध-ग्रंथों एवं संदर्भों का सहारा लिया है, जो इसे ऐतिहासिक ग्रंथ होने का गौरव प्रदान करता है।
मौके पर साहित्यकार अभियंता मिथिलेश प्रसाद चौहान ने कहा कि डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह की पुस्तक “स्वर्ण गुफा” उदंतपुरी (बिहारशरीफ) के प्राचीन इतिहास और वर्तमान काल का ऐतिहासिक संग्रह है। इस पुस्तक में ना केवल बिहार के बल्कि भारत के प्राचीन ऐतिहासिक संदर्भों को रोचकता के साथ चित्रित किया गया है। इस पुस्तक में उन कमियों को उजागर किया गया है जिसे पूर्ववर्ती इतिहासकारों ने छोड़ दिया है।
साहित्यकार मधु सिंह ने कहा कि इस पुस्तक को पूरा पढ़ने का मौका नही मिला है लेकिन कुछ पन्नों को
पढ़कर लगता है कि लेखक डॉ लक्ष्मीकांत सिंह ने उदंतपुरी यानि बिहारशरीफ के इतिहास को “स्वर्ण गुफा” उपन्यास के रूप में प्रस्तुत किया है,जो कि बहुत ही लोकप्रिय और सारगर्भित है।
पढ़कर लगता है कि लेखक डॉ लक्ष्मीकांत सिंह ने उदंतपुरी यानि बिहारशरीफ के इतिहास को “स्वर्ण गुफा” उपन्यास के रूप में प्रस्तुत किया है,जो कि बहुत ही लोकप्रिय और सारगर्भित है।
शंखनाद के कोषाध्यक्ष समाजसेवी सरदार वीर सिंह ने कहा कि उदंतपुरी(बिहारशरीफ) के ऊपर उपन्यास लिखना लेखक डॉ लक्ष्मीकांत सिंह की बहुत बड़ी उपलब्धि है, जो आने वाले समय में संदर्भ ग्रंथ के रूप में लिया जाएगा इनकी यह पुस्तक मील का पत्थर साबित होगीं।
मौके पर कार्यक्रम संचालन करते हुए शंखनाद के मीडिया प्रभारी राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण ने कहा कि यह पुस्तक “स्वर्ण गुफा” न केवल बिहार के इतिहास से दर्शन कराती है बल्कि बौद्ध साम्राज्य से भी परिचित कराती है।
इस दौरान मशहूर शायर मो.तंग अय्यूवी, शिक्षक मो.जाहिद हुसैन, सविता बिहारी, साहित्यसेवी धीरज कुमार, आर्ष कुमार, प्रणव कुमार, राजदेव पासवान, शिक्षाविद् राजहंस कुमार, कवि कामेश्वर प्रसाद, साहित्यकार प्रिया रत्नम्, शुभम कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।
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