बबुरबन्ना में मनाई गई होमियोपैथ के जनक फ्रेडरिक सेम्युअल हैनीमैन की जयंती..!!
सोहसराय, बबुरबन्ना 11 अप्रैल 2024 : 10 अप्रैल 2024 दिन बुधवार की देरशाम को होम्योपैथिक चिकित्सा के जनक डॉक्टर हैनिमैन की 269 वीं जयंती समारोह सोहसराय क्षेत्र के साहित्यिक भूमि बबुरबन्ना मोहल्ले स्थित सविता बिहारी निवास में मनाई गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता होम्योपैथी चिकित्सक डॉ.विजय कुमार सिंह ने की। कार्यक्रम की शुरुआत उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर होमियोपैथी की वर्तमान स्थिति तथा इसके भविष्य पर विस्तार से चर्चा की।
मौके पर अध्यक्षता करते हुए मगध होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज के पूर्व चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि पूरे विश्व में होम्योपैथिक चिकित्सा की तरफ रुझान बढ़ा है। मॉडर्न पैथी की जगह अब आयुष का वर्चस्व होने वाला है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर हेनीमैन ने मानव जाति के लिए बहुत सी दवा निकाली जो आज धीरे-धीरे पूरे विश्व में मान्य हुआ है। होम्योपैथ प्रणाली अपने गुण एवं लाभ देने के कारण दिनोदिन प्रसिद्ध होती जा रही है। जैसे-जैसे दुनिया के लोग अन्य दवाओं के साइड इफेक्ट से परेशान हो रहे हैं। उनका झुकाव होम्योपैथ की ओर होता जा रहा है। भारत सरकार भी आयुष मंत्रालय के निर्देशन में आयुष चिकित्सकों में होम्योपैथ को प्रमुखता से शामिल किया है। उन्होंने कहा कि एलोपैथिक या आयुर्वेदिक दवा जिस रोग में काम नहीं करता है, वहां होम्योपैथिक दवा काम करती है। जैसे की दस्त ( डायरिया) के रोग में जमालगोटा ज्यादा देने से दस्त बढ़ जाता है, वहीं एलोपैथ में डुलकोलैक्स(जमालगोटा)है, उसको भी लेने से दस्त बढ़ जाता है। लेकिन होम्योपैथिक दवा बढ़े हुए दस्त (डायरिया रोग)में रोकने के लिए जमालगोटा देने से रुकता है न की बढ़ाता है। जिसका नाम है क्रोटोन।इस तरह से उन्होंने कई होम्योपैथिक दवा के बारे में विस्तार से बताया।
मौके पर शंखनाद साहित्यिक मंडली के महासचिव साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक डॉक्टर फ्रेडरिक सेम्युअल हैनीमैन स्वयं एैलोपैथी के जाने माने चिकित्सक थे परंतु वह ऐलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव से काफी चितिंत रहते थे। यही कारण था कि उन्होंने ऐलोपैथिक चिकित्सा को छोड़कर एक ऐसी चिकित्सापैथी का अविष्कार किया जिसे हम सभी होम्योपैथी के नाम से जानते हैं और यह पैथी सस्ती, सुलभ, सुरक्षित पैथी के रूप में जानी जाती है। डॉ. हैनीमेन वर्तमान समय के लिए वरदान है और होम्योपैथ जगत उनका हमेशा ऋणी रहेगा।
डॉ. शारदा नंद शर्मा ने कहा कि असाध्य रोगों पर होम्योपैथिक दवाईयां पूर्ण रूप से सफल रही हैं अपने संवोधन में उन्होंने ऐसे अनेक केस हिस्ट्री का जिक्र किया जिसमें रोगी पूर्ण स्वस्थ्य हुआ।
धीरज कुमार ने कहा कि डॉ हैनीमेन इस धरती पर हमेशा याद किए जाते रहेंगे।
समाजसेवी सरदार वीर सिंह ने कहा कि महात्मा हैनीमेन का पूरा जीवन मानव सेवा को समर्पित रहा है। उन्होंने सुलभ और दुष्परिणामों से रहित चिकित्सा की खोज की।
जयंती समारोह में समाजसेविका सविता बिहारी, सुरेन्द्र प्रसाद शर्मा, संजय कुमार, राम प्रसाद चौधरी, प्रमोद कुमार, अरविंद कुमार गुप्ता, सुजल कुमार, मनीष कुमार सहित कई होम्योपैथिक चिकित्सक शामिल हुए।
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