मध्य विद्यालय ककड़िया से हर घर परिंडा अभियान का आगाज हुआ...!!

नूरसराय,ककड़िया-15 अप्रैल 2024 : मध्य विद्यालय ककड़िया से आज हर घर परिंडा अभियान का शुभारंभ गौरैया विहग फाउंडेशन के संस्थापक एवं निदेशक राजीव रंजन पाण्डेय के सौजन्य से अभियान का आगाज हुआ।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ मध्य विद्यालय ककड़िया के प्रधानाध्यापक पर्यावरणविद श्री दिलीप कुमार, शिक्षाविद् राकेश बिहारी शर्मा, शिक्षक सुरेन्द्र कुमार, शिक्षक सच्चिदानंद प्रसाद, शिक्षक जितेन्द्र कुमार मेहता, शिक्षक सतीश कुमार, शिक्षक अरविन्द कुमार शुक्ला, शिक्षक रणजीत कुमार सिंहा, शिक्षक अनुज कुमार, मो. रिज़वान आफ़ताब, मुकेश कुमार, शिक्षा सेवक रामजी चौधरी, बाल संसद के प्रधानमंत्री वीरमणि कुमार के सानिध्य में हुआ। कार्यक्रम में पर्यावरण प्रेमियों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से मध्य विद्यालय ककड़िया, में परिंडा और घोंसला लगाए गये।
मौके पर गौरैया विहग फाउंडेशन के संस्थापक राजीव रंजन पाण्डेय ने कहा कि मध्य विद्यालय ककड़िया द्वारा आज जो परिंडा अभियान का आगाज किया है। यह जीव-जगत के लिए अनुपम सौगात है तथा क्षेत्र के लिये प्रेरणादायी है। यह कार्यक्रम 15 अप्रैल, 2024 से 30 जून तक क्षेत्र में चलेगा जिसमें जिले में अधिक से अधिक परिंडे लगाए जायेंगे। जिसमें प्रत्येक विधार्थी को कम से कम पांच-पांच परिंडे लगाने तथा उसमें नियमित पानी भरने की जिम्मेदारी दी।
मौके पर प्रधानाध्यापक पर्यावरणविद श्री दिलीप कुमार ने कहा कि इस समय विश्व में लगातार पर्यावरण अवनयन बढ रहा है। हमारे द्वारा इस तरह के छोटे-छोटे प्रयासों द्वारा हम सभी पर्यावरण की रक्षा कर सकते है। आज गौरैया विहग फाउंडेशन द्वारा विद्यार्थियों व शिक्षकों के सहयोग से पक्षियों को बचाने के उदेश्यों से परिंडे लगाने की पहल की है। उन्होंने कहा- गर्मी में पक्षियों के लिए भोजन की भी कमी रहती है। पक्षियों के भोजन कीड़े-मकोड़े गर्मियों में नमी वाले स्थानों में ही मिल पाते हैं। खुले मैदान में कीड़ों की संख्या कम हो जाती है, जिससे पक्षियों को भोजन खोजने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। जंगलों में पेड़ों के पत्ते झड़ जाते हैं, साथ ही जल स्त्रोत भी सूख जाते हैं। वहीं मवेशियों के लिए भी चारागाह के अलावा खेतों में पानी की समस्या होती है, इस वजह से पानी के साथ भोजन की भी कमी से मवेशियों को जूझना पड़ता है। इस लिए सभी लोग अपने-अपने स्तर से पक्षियों को पानी और भोजन की व्यवस्था करें।
पर्यावरण प्रेमी राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि गौरैया विहग फाउंडेशन परिवार द्वारा किए जा रहे जैव संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण के कार्य वर्तमान समय में बहुत महत्वपूर्ण है। इस अभियान द्वारा हम पक्षियों का जीवन बचा सकते है। आज विश्व में जो पर्यावरणीय संकट पैदा हो रहे है उन्हें हम इस तरह के छोटे-छोटे कार्यो द्वारा हल कर सकते हैं। श्रीशर्मा ने कहा कि गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के सामने दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते है। इस गर्मी में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लोगों को प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा- गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। लोगों का थोड़ा सा प्रयास घरों के आस पास उड़ने वाले परिंदों की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी बचा सकता है। सुबह आंखें खुलने के साथ ही घरों के आस-पास गौरेया, मैना व अन्य पक्षियों की चहक सभी के मन को मोह लेती है। घरों के बाहर फुदकती गौरेया बच्चों सहित बड़ों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। गर्मियों में घरों के आसपास इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियों से प्रेम करें और उनका विशेष ख्याल रखें। जिले में गर्मी बढऩे लगी है। यहां का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पार हो गया है। आने वाले सप्ताह और जेठ में और अधिक गर्मी पडऩे की संभावना है। गर्मी में मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियों को पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्य तो पानी का संग्रहण कर रख लेता है, लेकिन परिंदे व पशुओं को तपती गर्मी में यहां-वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर पड़ते हैं।
समाजसेवी सरदार वीर सिंह ने कहा कि गर्मी में अपने घरों के बाहर, छतों पर पानी के बर्तन रखें और हो सके तो छतों पर पक्षियों के लिए छाया की व्यवस्था भी करें। पक्षियों के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा संतुलित रहे, इसके लिए पानी मे गुड़ की थोड़ी मात्रा मिलानी चाहिए। इससे गर्मी में तापमान से राहत मिलती है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती। कम पानी वाले जल स्रोतों को गंदा न करें, इससे पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हो सकती है।
इस अवसर पर छात्र-छात्रा रागिनी कुमारी, सोनाली कुमारी, स्नेहा कुमारी, चांदनी कुमारी, नन्दनी कुमारी, साजन कुमारी, शिल्पी कुमारी, छात्र हीरामणि कुमार, वीरमणि कुमार, मोहन कुमार, रवीश कुमार, ललन कुमार, अजय कुमार, अंकित राज, आदित कुमार, हिमांशु कुमार आदि समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

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