जल जंगल जमीन बचाने लिए आगे आना होगा और जिम्मेदारी समझनी होगी : डॉ. अरुण कुमार
रहुई-देकपुरा, 22 जून 2024 : रहुई प्रखंड के ग्राम देकपुरा के मध्य विद्यालय देकपुरा से शिक्षक क्लब नालन्दा के तत्वावधान में 22 जून को जनोपयोगी जल संरक्षण अभियान की शुरुआत की गई।
इस अभियान की अध्यक्षता नालंदा जिले के मशहूर हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं पर्यावरणविद् डॉ. अरुण कुमार ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पर्यावरणविद् डॉ. अरुण कुमार, अम्बा पंचायत के पूर्व मुखिया अविनाश कुमार, शिक्षक क्लब नालन्दा के कृष्णनंदन प्रसाद, राकेश कुमार, उपेन्द्र कुमार, संजीत कुमार, सुरेंद्र कुमार के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
मौके पर अध्यक्षीय संबोधन में पर्यावरणविद् डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि जल जंगल जमीन को बचाने लिए सभी को आगे आना होगा और अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी। इस अभियान को जन-जन तक पहुचाना होगा। इस अभियान का यह भी उद्देश्य है की जो लोग गाँव से निकल कर शहर में निवास कर रहे हैं उन्हें भी अपने गाँव के जन्म भूमि के प्रति जबाबदेही निभानी पड़ेगी। "चलो गाँव की ओर" उन्होंने इस अभियान में नारा दिया-"चलो गाँव की ओर"। उन्होंने कहा कि क्लब द्वारा जहां शिक्षकों के समस्याओं के हितार्थ कार्य किये जा रहे हैं, वहीं अब विद्यालय के बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण के अंतर्गत जल-जंगल-जमीन बचाने के लिये भी जागरूक किया जायेगा। क्लब के सौजन्य से बच्चों के बीच 300 अमरूद, कटहल और मोहगनी के पौधे का वितरण किया गया। साथ ही साथ विद्यालय के परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया। पूर्व मुखिया अविनाश कुमार को क्लब की ओर से कई नल की टोटी प्रदान की गई।
मौके पर पर्यावरण के सजग प्रहरी मुखिया अविनाश कुमार ने कहा कि जल की प्रत्येक बूँद हमारे लिए कीमती है। इसे बचाने का प्रयास किया जाना चाहिए। औद्योगीकरण एवं शहरीकरण के कारण कुओं तथा तालाबों में लगातार कमी होती जा रही है और भूमिगत जल का स्तर गिर रहा है जो भविष्य में जल संकट का कारण बन सकती है। अत: जल संकट से बचने के लिए जल संरक्षण आवश्यक है। जल को देशीय वृक्ष-रोपण कर तथा आदतों में बदलाव लाकर भी संचित किया जा सकता है, मसलन- स्नानघर में स्नान करते वक्त झरनों को छोटा करना तथा ब्रश करते वक़्त पानी का नल खुला न छोड़ना आदि। जल संरक्षण का अर्थ है जल के प्रयोग को घटाना एवं सफाई, निर्माण एवं कृषि आदि के लिए अवशिष्ट जल का पुनःचक्रण (रिसाइक्लिंग) करना। उन्होंने कहा कि भारत के ऋषियों ने हजारों सालों से प्रकृति से मिलने वाली चीजों के संरक्षण का संदेश दिया है। इसीलिए हमें भी उसे संरक्षित रखना चाहिए।
मौके पर शिक्षाविद् राम सागर राम ने कहा कि पानी सिर्फ़ एक बुनियादी मानवीय ज़रूरत ही नहीं है; यह सभी सामाजिक-आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण घटक भी है। इसके महत्व के बावजूद, दुनिया भर में अरबों लोग पानी की कमी का सामना कर रहे हैं, जिसका असर स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा- जल के सदुपयोग की जिम्मेदारी हर परिवार की हो। हर परिवार को जल के दुरुपयोग को रोकना चाहिए। सरकारी स्तर पर जल संरक्षण का प्रचार-प्रसार हो। जल बर्बादी करने पर सजा का प्रावधान हो। रसोई में सब्ज़ियों व दाल चावल इत्यादि को धोने के बाद वाला बचा पानी बगिया या गमले में इस्तेमाल करें। बरामदों, वाहनों इत्यादि की धुलाई की जगह पौंछा कर काम चलाएँ। टपकता हुआ नल फ़ौरन ठीक कराएँ। बहता जल बाल्टी में स्टोर कर लें। बारिश के पानी का संग्रहण हो।
सरपंच धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि जल संरक्षण का कार्य सरकार व समाज मिलकर प्रयास करें तो सफलता मिल सकेगा। उन्होंने कहा- जल संरक्षण के लिए बारिश व अनावश्यक बहने वाले पानी का रिचार्ज सुनिश्चित करना चाहिए। पानी का अनावश्यक दोहन करने से बचें। किसानों भी बूंद-बूंद सिंचाई से फसलों को पानी दें। प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यकता अनुरूप ही पानी का उपयोग करना चाहिए। अच्छी बारिश हो इसके लिए पेड़-पौधे भी लगाने चाहिए। सरकार और समाज जल संरक्षण के प्रति सजग होंगे तो नि:संदेह पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध रहेगा।
ग्रामीण धर्मजीत रविदास ने कहा कि जल संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण किया जाना चाहिए। इसके साथ हम अपने दैनिक जीवन में पानी का दुरूपयोग ना करें। पानी को सुरक्षित रखने की दिशा में उपाय करें। पानी सभी के लिए आवश्यक है तो इसके संरक्षण की जिम्मेदारी भी हम सभी की है। उन्होंने कहा- जल संरक्षण के लिए बारिश के पानी को बचाना जरूरी है। बरसात के पानी को इकट्ठा करने लिए घरों में टांके कुंड बनाने चाहिए। जो घर की छत से पाइप द्वारा कुंड में भंडारण हो सके। इससे फालतू पानी बर्बाद नही होगा। सरकार को इस कार्य को करने के लिए सब्सिडी या अन्य स्कीम देकर जनता को वर्षा जल संग्रहण के लिए प्रोत्साहन करना चाहिए।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक धर्मवीर प्रसाद, उदय कुमार, सुधीर कुमार आदि के साथ-साथ शिक्षक क्लब नालन्दा के वेद प्रकाश एवं दिलीप कुमार उपस्थित थे।
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