ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं व बच्चों को गोष्ठी के माध्यम से जागरूक किया जाय : डॉ. अरुण कुमार
नालंदा, 30 जून 2024 : सिलाव प्रखंड स्थित ग्राम पन्हेस्सा के उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय पन्हेस्सा के सभागार में शिक्षक क्लब नालन्दा के तत्वावधान में 30 जून 2024 दिन रविवार को जनोपयोगी "पर्यावरण एवं जल संरक्षण अभियान" पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजीत कुमार ने जबकि संचालन शिक्षक दिलीप कुमार ने किया।
आहूत विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि मिशन हरियाली नूरसराय के संरक्षक, पर्यावरणविद्, प्रख्यात् चिकित्सक डॉ. अरुण कुमार, शिक्षक क्लब के दिलीप कुमार, शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा, शिक्षक क्लब के अध्यक्ष कृष्णनंदन प्रसाद, शिक्षाविद् रामसागर राम के द्वारा संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया गया।
गोष्ठी में शिक्षक क्लब के सौजन्य से उपस्थित बच्चों के बीच 150 अमरूद के पौधे का वितरण किया गया। साथ ही साथ विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया और उपस्थित वार्ड पार्षद लाल बहादुर प्रसाद को क्लब की ओर से गांव में टूटे हुए नल के टोटी को बलने के लिए कई टोटी प्रदान की गई।
मौके पर गोष्ठी के मुख्य अतिथि मिशन हरियाली के संरक्षक पर्यावरणविद् डॉ. अरुण कुमार ने जल जंगल जमीन बचाने लिए "चलो गाँव की ओर...", ‘जल है तो कल है’, ‘जल ही जीवन है’ का नारा लगाते हुए कहा कि शिक्षक क्लब नालन्दा द्वारा जहां शिक्षकों के समस्याओं के हितार्थ कार्य किये जा रहे हैं, वहीं अब विद्यालय के बच्चों एवं अभिभावकों को शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण के अंतर्गत जल-जंगल-जमीन बचाने के लिये भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा- जिले में जल, जंगल जमीन बचाने के लिए क्लब के सौजन्य से सिलाव प्रखंड के उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय पन्हेस्सा में युवाओं व विद्यार्थीयों को गोष्ठी के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। पेड़ों के अंधाधुंध कटाई, जल की बर्बादी पर रोक लगाने का मुद्दा ग्रामीणों के बीच जोर-शोर से उठाया। सभी लोगों को अनुपयोगी भूमि पर अधिक-से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया।
मौके पर शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि कोमाराम भीम उर्फ कोमुरम भीम वो आदिवासी वीर योद्धा थे, जिन्होंने जल, जंगल और जमीन का नारा देकर अपने दम पर ब्रिटिश राज के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंका था। उन्होंने कहा- अब देश में प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है। हमारे पास लैपटाप मोबाईल, डिश टीवी, बुल्लेट ट्रेन सभी होगा पर पीने के लिए स्वच्छ पानी और सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा नही बचेगा। तब हम क्या करेगे ? अभी भी समय है, सभी लोग सोचना शुरू करें तो शायद हम अपने आने वाले पीढी के लिए हवा पानी छोड कर जायेंगें।
गोष्ठी संचालन करते हुए शिक्षक क्लब के दिलीप कुमार ने कहा- पेड़-पौधे हमारे प्राकृतिक जल स्रोत हैं और जमीन को रीचार्ज करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों का मुख्य व्यवसाय खेती और पशुपालन है, दोनों के लिए जल और पेड़-पौधे पर्याप्त मात्रा में होने जरूरी हैं। यदि पेड़-पौधे नहीं रहेंगे तो न खेती हो पाएगी न ही पशुपालन संभव हो पाएगा। पेड़-पौधे के महत्व को सभी को समझना होगा।
शिक्षक क्लब के शिक्षाविद् रामसागर राम ने कहा कि कोई भी यह नहीं सोचता की हम जहां रह रहे हैं, जहां हमें जीवित रहने के लिए वायु मिल रही है, पीने के लिए जल मिल रहा है, खाने के लिए भोजन मिल रहा है जो जमीन हमें इतना कुछ प्रदान कर रही है फिर भी हम पेड़-पौधे यानि जंगल को बचा नहीं पा रहे हैं। अभी भी समय है लोग सुधर जायें, नहीं तो भयानक संकटों का सामना करना पड़ेगा।
गोष्ठी में शिक्षक क्लब नालन्दा के अध्यक्ष कृष्णनंदन प्रसाद ने कहा कि अधिकतर लोग पॉलीथीन में सामान लेकर घर जाते हैं। लोग जहां पर पॉलीथीन फेंकते हैं वहां पेड़ पौधे नहीं उग पाते और पानी जमीन के अंदर नहीं जा पाते हैं तो वह जमीन बंजर हो जाती है। मवेशी उस पॉलीथीन को खाकर मर जाते हैं। इससे पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है।
शिक्षक उपेन्द्र कुमार ने कहा जल, जंगल और जमीन का संरक्षण पर्यावरण के लिए जरूरी है। इनके संरक्षण के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे। हम सबको सामूहिक प्रयासों के अलावा भी अपने-अपने स्तर पर छोटे-छोटे प्रयास करने चाहिए। तभी हम इस काम में सफल हो सकेंगे।
शिक्षक धर्मवीर प्रसाद ने कहा आज जिस तरह से जंगल तेजी से घटते जा रहे हैं उसी का नतीजा है कि लोगों को पीने के पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है। प्राकृतिक जलस्रोत सूख रहे हैं। यह सब पर्यावरण असंतुलन का नतीजा है।
इस अवसर पर शिक्षक शिव कुमार पसाद, संजय कुमार, मो. सैयद इमाम, मो. शम्स आगाज़, मो. ओवैस, मो. मुन्ना, साहिना परवीन, हूर जहां, कविता कुमारी सहित पनहेस्सा गांव के कई गणमान्य लोगों ने गोष्ठी में अपना विचार व्यक्त किया।
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