मोगलकुआँ गुरुद्वारा में कार्तिक मास की संग्रांद पर विशेष कीर्तन दीवान आयोजित...!!

मोगलकुआँ-सोहसराय 17 अक्टूबर 2024 : मोगलकुआँ गुरुद्वारा में कार्तिक मास की संग्रांद के मौके पर 17 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार की देरशाम को बड़ी संख्या में संगत ने विशेष कीर्तन दीवान में शामिल होते हुए गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मुख शीश नवाया। कार्तिक पूर्णिमा को परंपरागत श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ गुरु महाराज की हजूरी में कार्तिक की संग्रांद मनायी गयी। मौके पर प्रचारक भाई सतनाम सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी “सावण सरसी कामणी चरन कमल सिउ पिआर" की व्याख्या करते हुए संगत से ज्ञान साझा किया कि परमात्मा के साथ स्नेह करें और परमात्मा के सम्मुख रहें। 

मौके पर भाई सरदार वीर सिंह ने जब गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी " कार्तिक आया हे सखी" और "ऐसी प्रीत करो मन मेरे, एकस शिउ चित लाए" का जब गायन किया तो कीर्तन का श्रवण कर रही पूरी संगत गुरु की भक्ति में लीन हो गयी। 
संगत को सम्बोधित करते हुए शंखनाद के महासचिव साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि सिखों के लिए संग्रांद का दिन बेहद खास होता है। दरअसल सिख कैलेंडर के अनुसार संग्रांद से ही नए महीने की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन सिख समुदाय के लोग अगला महीना अच्छा बीते इसकी प्रार्थना करते हैं। गुरुवार सुबह से ही आयोजित समारोह में गुरु घर गुरुद्वारा में माथा टेकने वालों का तांता लगा रहा। सिख समुदाय के साथ अन्य धर्मो के लोगों ने भी पूरे धार्मिक सौहार्द के साथ गुरुद्वारे में माथा टेका और गुरुवाणी का प्रसाद भी ग्रहण किया। संग्रांद के अवसर पर गुरु का अटूट लंगर भी लगाया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने लंगर छका। लंगर के दौरान यह भी काबिल-ए-गौर रहा कि पर्यावरण का पूरा ख्याल रखते हुए प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया। ग्रंथी भाई रवि सिंह ने कहा कि कार्तिक माह में प्रभु मिलाप के लिए मन में चाव एवं भाव उठते हैं। गुरु फरमाते हैं कि जो मनुष्य कर्म करते हैं, उसके फल प्राप्ति के लिए किसी और को दोष देना ठीक नहीं है क्योंकि परमेश्वर को भुला देने पर मनुष्य हर प्रकार के रोग कष्टों से घिर जाता है। इसलिए हे जीव! तुम हर रोज किसी के पास जाकर क्यों रोते हो, जो अच्छे बुरे कर्मों का फल लिखा गया है वह भोगना ही पड़ता है। उसमें अपने करने से कुछ नहीं हो सकता।

मौके पर कीर्तन दरबार को सफल बनाने में गुरुद्वारा कमेटी के तमाम सदस्यों के आलावा स्थानीय कई बच्चों का उल्लेखनीय योगदान रहा।
इस दौरान शंखनाद के मीडिया प्रभारी राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण, सरदार भाई अनिल सिंह, भाई विनोद सिंह, भाई दीप सिंह, सतनाम सिंह, रघुवंश सिंह,नीरज सिंह, युवराज सिंह, रिंकू कौर, जशप्रित कौर, एकामनी कौर, साबो देवी, काजल कौर, प्रियंका कौर, ब्यूटी कौर, गुड्डी कुमारी, प्रीति कुमारी, विजय कुमार, धीरज कुमार सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहकर इंसानियत और परोपकार की शिक्षा ली एवं गुरुनानक देव जी के अनमोल संदेशों का आत्मसात किया।

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