गांधीजी अहिंसा के पुजारी और भारत की आजादी के प्रखर योद्धा थे : राकेश बिहारी


महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर किया याद
 ● मध्य विद्यालय ककड़िया में महात्मा गांधी और शास्त्री जयंती मनाई
● महापुरुषों के आदर्शों का अनुसरण करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी
नूरसराय-नालंदा, 2 अक्टूबर 2024 : स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया के प्रांगण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155 वीं जयंती और जय जवान, जय किसान का नारा देने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 120 वीं जयंती हर्षोल्लास एवं भव्य समारोह के रूप आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता विद्यालय के वरीय शिक्षक सुरेन्द्र कुमार ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत देश के दोनों सपूतों के चित्र पर सभी शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं द्वारा माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर हुई।
मौके पर विद्यालय के शिक्षक शिक्षाविद् राकेश बिहारी शर्मा ने विस्तार से इन दोनों महापुरुषों की जीवनी, कृतित्व, विचार एवं आदर्शों से सबों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि दोनों महापुरुषों के आदर्श का अनुसरण करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने उपस्थित लोगों से महात्मा गांधी जी तथा लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके पदचिन्हों पर चलने का आवाह्न किया। उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि महात्मा  गांधी जी मात्रा हाड़-मांस के व्यक्ति ही नहीं थे, बल्कि वह संपूर्ण एक विचारात्मक आंदोलन थे। सामयिक दर्शन थे और दूरंदेशी युग पुरुष थे। महात्मा बुद्ध के बाद शांति के वे ऐसे मसीहा थे, जिन्होंने सत्य-अहिंसा के व्यापक महत्व को समझा और अपने में आत्मसात कर क्रियान्वित भी किया। जैसा वे कहते-करके भी दिखाते थे। वे समग्र मानवता के कल्याण और सर्वोदय के लिए जीवनभर प्राणपण से जुड़े रहे। गांधीजी सत्य और अहिसा के पुजारी थे। गाँधीजी ने समाज की बहुमुखी सेवा की। निःसंदेह भारतवर्ष उनका ऋणी है। गांधीजी राजनीतिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक नेता के साथ-साथ एक अच्छे पत्रकार भी थे।
समारोह में अध्यक्षता करते हुए वरीय शिक्षक सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि आज के दिन पूरा देश महात्मा गांधी जी एवं लाल बहादुर शास्त्री को याद करता है, और उनकी शिक्षाओं और विचारों से प्रेरणा प्राप्त करने का संकल्प लेता है। उन्होने कहा कि अध्यनन करने पर गांधी जी के जीवन के अनेक आश्चर्यजनक पहलू हमारे सामने आते हैं, जो एक देशभक्त व्यक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत और अनुकरणीय होते हैं।
मौके पर मंच संचालन करते हुए शिक्षक जितेन्द्र कुमार मेहता ने कहा- राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी के बारे में जितना कहा जाए, जितना लिखा जाय और जितना समझा जाए वह सब कम है, क्योंकि उनका व्यक्तित्व, विचार सबकुछ अपरिमित है। उनके विचारों पर यदि चला जाय तो समाज में सदैव भाईचारा, देश में शान्ति व व्यक्ति में स्वालंबन रहेगा।
शिक्षक मनुशेखर कुमार ने बच्चों के बीच गांधी जी और शास्त्री जी के जीवन परिचय का उल्लेख किया। उन्होंने कहा की बापू अहिंसा के पुजारी और भारत की आजादी के प्रखर योद्धा थे और शास्त्री जी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने और वे अपने जीवन काल में सादगी जीवन जीने का परिचय दिए।   
 समारोह में विद्यार्थियों ने बापूजी के आदर्श जैसे बुरा मत सुनो, बुरा मत देखो, बुरा मत कहो, जल बचाओ, स्वच्छता अपनाओ और पेड़ लगाओ जैसे आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
इस दौरान बाल संसद के प्रधानमंत्री रजनीश कुमार, शिक्षामंत्री सलोनी कुमारी, शिक्षक अनुज कुमार, रंजीत कुमार सिन्हा, अरविंद कुमार शुक्ला, सुरेश कुमार, पूजा कुमारी, सतीश कुमार, विश्रंजन कुमार, मो. रिजवान आफ़ताब, मुकेश कुमार सहित विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने प्रमुखता से भाग लिया।

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