मध्य विद्यालय ककड़िया में हर्षोल्लास से मनाया गया बाल दिवस, दी गई मनमोहक प्रस्तुति..!!
नूरसराय-ककड़िया, 14 नवम्बर 2024 : स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया के चेतना सत्र में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री भारत रत्न पंडित जवाहरलाल नेहरू की 135 वीं जयंती विद्यालय परिवार ने श्रद्धा पूर्वक मनाया। जिसकी अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने किया।
मौके पर प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार, शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के छायाचित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिका और बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। मौके पर छात्र-छात्राओं ने पौराणिक, ऐतिहासिक पात्रों राम, सीता और हनुमान तथा विभिन्न महापुरुषों का अभिनय किया। यह प्रतीकात्मक अभिनय कक्षा 1 से 8 तक के समस्त छात्राओं ने भाग लिया और सुंदर कलाकृतियाँ बनाकर सबका मन मोह लिया।
मौके पर शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने समारोह को सम्बोधित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि वैसे तो किसी भी त्योहार मनाने के पीछे कोई न कोई उद्देश्य जरुर होता है ठीक उसी प्रकार बाल दिवस का भी हमारे जीवन में बच्चों के भविष्य निर्माण में सहायक होता है। उन्होंने कहा पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत देश के आधुनिक निर्माण के साथ-साथ उसे आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही पंडित नेहरू ने एसे अनेक कार्य किये, जिसके माध्यम से जिस भारत देश में सुई भी विदेशों से आती थी, उसे मजबूती के साथ कल कारखानों और लघु उद्योगों व विद्यालय तथा महाविद्यालय को प्रोत्साहित करते हुए आगे बढाने में महत्वपूर्ण कदम उठायें। उन्होंने कहा कि इंसान के कार्य उसको कभी मरने नहीं देते। इतिहास के पन्नों में दर्ज कई महानायक जो आज भी याद किए जाते हैं वह अपने काम की वजह से ही जाने जाते हैं।
इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 14 नवंबर का दिन पंडित नेहरू के साथ-साथ बच्चों को भी समर्पित है। यह दिन देश में बच्चों के अधिकारों, स्वतंत्रता की रक्षा, उनके स्वास्थ्य व शिक्षा एवं कल्याण पर बात करने का है। बाल दिवस के दिन स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। नेहरु ने कहा था कि “आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे। जिस तरह से हम उन्हें लाएंगे, उससे देश का भविष्य तय होगा।” नेहरू शिक्षा के महत्व के बहुत मजबूत पैरोकार थे। इन्हें 1955 में भारत रत्न देकर सम्मानित किया गया था। इन महापुरुषों के योगदान को याद करके ही हम देश की एकता और अखंडता को सुदृढ़ बना सकते हैं।
शिक्षक सच्चिदानन्द प्रसाद ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरु एक प्रशंसनीय राजनेता होने के साथ ही कमाल के जन नायक भी थे। बच्चों के प्रति प्रेम के कारण वह बच्चों में चाचा नेहरु के नाम से प्रसिद्ध थे। ऐसा कहा जाता है कि, वह बच्चों को देश का भविष्य मानते थे। उनका मानना था कि बच्चे बहुत ही मासूम होते है और अपनी भोली मुस्कान से हर किसी का दिल जीत लेते है। उनके नजर में हर बच्चा एक समान था चाहे फिर वह लड़का हो या लड़की, उनके लिए समानता सर्वोपरि थी। यहीं कारण है कि वह आज भी हमारे आदर्श है।
शिक्षक अरविन्द कुमार शुक्ल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू आधुनिक भारत के निर्माता थे। उनके योगदान के बिना 21वीं सदी के भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है। उनके विचारों ने आजादी के बाद की चुनौतियों से पार पाकर भारत के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाया।
शिक्षक जितेन्द्र कुमार मेहता ने कहा जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चे ही देश की सच्ची शक्ति और समाज की आधारशिला हैं। इस नेहरू जयंती पर युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहकर राष्ट्र निर्माण में भागीदारी देकर अपना, अपने परिवार और देश का नाम रोशन करने का आह्वान किया।
इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक अनुज कुमार, सुरेश कुमार, पूजा कुमारी, सतीश कुमार, रणजीत कुमार सिन्हा, विश्वरंजन कुमार, मनुशेखर कुमार गुप्ता, मो.रिज़वान अफताब, मुकेश कुमार, रामजी चौधरी एवं बालसंसद के प्रधानमंत्री सौरभ कुमार, शिक्षा मंत्री नीतू कुमारी सहित छात्र-छात्राओं ने अपने विचार प्रकट किए।
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