जेपी आंदोलनकारी संपूर्ण क्रांति मोर्चा के प्रतिनिधियों ने की बैठक...!!


बिहारशरीफ, 1 दिसम्बर 2024 : संपूर्ण क्रांति मोर्चा नालंदा के तत्वावधान में छोटी पहाड़ी स्थित सुभाषचंद्र पासवान के आवास पर रविवार को 1974 जेपी आंदोलनकारी संपूर्ण क्रांति मोर्चा के प्रतिनिधियों व उनके परिवारों ने बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। बैठक के दौरान मोर्चा के नेताओं द्वारा संगठन की मजबूती एवं नए सदस्य को जोड़ने पर बल दिया गया। जिसकी अध्यक्षता मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हुमायु अंसारी ने किया। 
मौके पर संपूर्ण क्रांति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री परमेश्वर कुमार ने कहा कि बैठक में आगामी आठ दिसंबर 2024 को पटना में एक राष्ट्रीय सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्मदेव पटेल के दिशानिर्देश में 8 दिसंबर रविवार को जे. पी. सेनानियों और उनके परिवार के सदस्यों का राष्ट्रीय सम्मेलन, दरोगा प्रसाद राय पथ स्थित पटेल सेवा संघ के प्रांगण में होगी। इसमें महंगाई, भ्रष्टाचार, शिक्षा में व्यापक सुधार, किसानों के अनाजों का उचित दाम तय करने का अधिकार, 200 यूनिट बिजली, मुफ्त में सिंचाई, वृद्धा पेंशन, भूमिगत तथा जेल में बंद या सहयोगियों के रूप में रहे जे. पी. सेनानियों का पेंशन बढ़ा कर 25000/- करने, भूमि चकबंदी, देश में शराब बंदी नीति जैसे ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण के द्वारा संपूर्ण क्रांति अभियान के तहत बड़ी संख्या में छात्र-नौजवानों ने सरकारी यातनाएं सही और लाठियां खाई, जेल गए। जिन समस्याओं को लेकर छात्रों ने आंदोलन किया था, वो आज भी वर्तमान हैं और सरकार द्वारा शिक्षा के सुधार के नाम पर उसके बुनियादी ढांचे को तहस-नहस किया जा रहा है। आज शिक्षा को सामाजिक आंदोलन बनाकर स्वस्थ समाज की स्थापना एवं भावी नौजवान को उससे जोड़कर जेपी के पद चिन्ह पर चलने के लिए प्रेरित करते हुए समाज में परिवर्तन लाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। 

बैठक में अध्यक्षता करते हुए मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हुमायु अंसारी ने कहा कि बिहार में 18 मार्च 1974 से लेकर 21 मार्च 1977 तक चले जेपी आंदोलन में हिस्सा लेने वाले आंदोलनकारियों को पेंशन और सम्मानित करने के निर्णय को प्रदेश मंत्रीपरिषद से मंजूरी दे दी गई। बावजूद कई जेपी सेनानी को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे कुछ साथी जेपी सेनानी के लाभ से वंचित हैं। उन्होंने सरकार से जेपी सेनानी और भूमिगत सेनानी के छूटे हुए नाम को जोड़कर पेंशन चालू करने की मांग की है।
मौके पर समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि जेपी सेनानी एवं उनके परिजन को सरकार उचित मान एवं सम्मान दे। उन्होंने कहा- स्वतंत्रता सेनानियो की तरह जेपी सेनानियों को समान पेंशन, मृतक के विधवाओं व आश्रितों को भी पेंशन मुहैया कराया जाय। उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति में योगदान देने वाले सभी सेनानियों व शहीदों को नमन करते कहा कि भय, भूख, भ्रष्टाचार के लिए आज भी लड़ाई लड़नी है। जेपी के वसूलों पर चलकर समाज में बदलाव की आज भी आवश्यक है। जयप्रकाश नारायण जी के सिद्धांतों और उनके विचारों का प्रचार-प्रसार करने का भी संकल्प लेना चाहिए।
सुभाषचंद्र पासवान ने कहा कि जेपी के आंदोलन में मारे गये और जेल में रहे आंदोलनकारियों के साथ सरकार मजाक कर रही है। जबकि कई राज्यों में जेपी सम्मान पेंशन योजना आंदोलनकारियों को मिल रहा है। लेकिन बिहार में मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद भी अभी तक सही से लागू नहीं हो सका है। जेपी का उदय ही बिहार में हुआ, लेकिन यहां ही जेपी सेनानियों को सरकार अनदेखी कर रही है। सबसे ज्यादा दुखद स्थिति यह है कि जेपी आन्दोलन के बदौलत सत्ता में बैठे लोगों द्वारा लोकतंत्र का मजाक बनाया जा रहा है।

बैठक में समाजसेवी भाई सरदार वीर सिंह, अरशद रजा, कामेश्वर प्रसाद, तनवीर साकित, शायर नवनीत कृष्ण, रणजीत कुमार पासवान ,राजदेव पासवान सहित कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया।

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