ककड़िया में हर्षोल्लास से मनाया गया क्रिसमस पर्व, दी गई मनमोहक प्रस्तुति...!!
● मध्य विद्यालय ककड़िया में शिद्दत से याद किए गए प्रभु ईसा मसीह
● ककड़िया विद्यालय में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने मचाया धमाल
नूरसराय-ककड़िया, 24 दिसम्बर 2024 : स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया में मंगलवार को क्रिसमस के पूर्व संध्या एवं नववर्ष के आगमन का भव्य स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिक्षाविद् दिलीप कुमार ने किया। इस दौरान विद्यालय के शिक्षक और बच्चों ने रंगारंग मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। बच्चों ने विद्यालय को क्रिसमस ट्री व रंग बिरंगी झालरों से सजाया। इसमें बच्चों ने यीशु के जन्म से लेकर उनके जीवन के विभिन्न पहलूओं को चार्ट पेपर पर जीवंत चित्रण को मनोहर एवं मनमोहक रुप में दर्शाया। बच्चों के द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम को देखकर अभिभावक, शिक्षक एवं बच्चे मंत्रमुग्ध हो गए।
कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने कहा कि क्रिसमस एक पवित्र एवं प्रेम का त्योहार है। यह हमें समाज में आपसी प्रेम, विश्व शांति एवं शिक्षा का अलख जगाने हेतु प्रयास करने एवं बिना किसी भेदभाव के समाज में प्रत्येक वर्ग को हर्षोल्लास के साथ नव वर्ष का स्वागत का पाठ पढ़ाता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि समाज के सभी वर्ग का कल्याण हो एवं प्रत्येक व्यक्ति रोगमुक्त, चिंतामुक्त एवं आर्थिक एवं सामाजिक संम्पन्नता प्राप्त करें।
मौके पर वरीय शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने समारोह को सम्बोधित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि वैसे तो किसी भी त्यौहार मनाने के पीछे कोई न कोई उद्देश्य जरुर होता है ठीक उसी प्रकार क्रिसमस पर्व का भी हमारे जीवन में बच्चों के भविष्य निर्माण में सहायक होता है। क्रिसमस, यीशु का जन्म, दुनिया में शांति, सद्भाव और खुशी का प्रचार करने का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसंबर को पड़ता है। क्रिसमस का त्योहार वैसे तो ईसाई धर्म से जुड़ा हुआ है। किन्तु यह विश्व में हर जगह लगभग सभी धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाता है। उन्होंने बताया यह विशेष दिन एकता, शांति और भाईचारे के बंधन को मजबूत करेगा। मसीह के महान विचार और आदर्श लोगों को सेवा प्रदान करने और समाज में सकारात्मक अंतर लाने के लिए प्रेरित करते हैं। वे शुरू से ही समाज मे मानवता का संदेश दिया। ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाया और कहा कि सब परम पिता परमेश्वर की संतान है। अपना आदर करो और अपना आत्मसम्मान जगाओ। सत्य की खोज की प्रवृति उनमें बचपन से ही थी इसीलिए उनका संदेश आज समाज के लिए आईना है। क्रिसमस के आगमन पर पूरे विश्व में हर्षोल्लास की लहर दौड़ जाती है।
मौके पर मंच संचालन करते हुए शिक्षक जितेन्द्र कुमार मेहता ने बताया क्रिसमस दिवस यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। संत निकोलस को सांताक्लाज के नाम से जाना जाता है। संत निकोलस चाहते थे कि कोई भी व्यक्ति उदास ना हो इस वजह से हर क्रिसमस की रात को बच्चों को गिफ्ट में चाकलेट बांटते थे।
शिक्षिका पूजा कुमारी ने प्रभु ईशु के त्याग, आदर्शों व जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमें भी उनके जीवन के त्याग से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा- यह त्योहार हमें आपस में प्रेम करना सिखाता है। प्रभु यीशु ने हमें आपस में प्रेम करने का संदेश दिया।
समारोह में शिक्षक मनुशेखर कुमार ने बताया कि ईसाई धर्म की स्थापना ईसा मसीहा ने की थी। उन्होंने घृणा, ईष्या, द्वेष और शत्रुता से युक्त विश्व को विश्व बंधुत्व, अहिंसा, प्रेम और सहिष्णुता का संदेश दिया था और इन्हीं शाश्वत सिद्धान्तों पर ईसाई धर्म की नीव रखी थी। पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए उन्होंने अपना बलिदान दे दिया था। आज पूरा विश्व उनके उपकार को मानता है। क्रिसमस के आगमन से कई दिन पूर्व इसकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
पर्यावरण संरक्षण व पेड़ों को बचाने की मुहिम को लेकर स्कूल के बच्चों ने कई कार्यक्रम किये। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी शिक्षकों ने अपना योगदान दिया।
इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक रणजीत कुमार सिन्हा, विश्वरंजन कुमार, अरविन्द कुमार शुक्ल, मनुशेखर कुमार, मो. रिजवान आफ़ताब, मुकेश कुमार बालसंसद के प्रधानमंत्री सौरभ कुमार, सोनाली कुमारी, नंदनी कुमारी, स्नेहा कुमारी, मायावती कुमारी, चांदनी कुमारी, नीतु कुमारी, रेखा कुमारी, हीरामणि कुमार, राजवीर कुमार, धर्मपाल कुमार, मोहित कुमार, अनमोल कुमार सहित विद्यालय परिवार के लोगों ने भाग लिया।
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