ककड़िया विद्यालय में मनाई गई महात्मा गांधी की पुण्यतिथि...!!

ककड़िया, नूरसराय 30 जनवरी 2025 :  स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया में गुरुवार को स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि सहीद दिवस के रूप में मनाई गईं।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार, वरीय शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा, सच्चिदानंद प्रसाद सहित समस्त शिक्षकों ने गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया।
मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने कहा कि गांधी जी ने देश को सत्य और अहिंसा का जो पाठ पढ़ाया वह आज भी देश के लोगों के लिए कारगार सिद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई के लिए गांधी जी सहित देश के हजारों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने प्रताड़नाएं झेलीं, लेकिन उन्होंने आजादी का अपना संकल्प नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा- देश को स्वतंत्र कराने के लिए सभी देशवासियों ने भेद-भाव, ऊॅच-नीच, जाति-धर्म भुलाकर कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया और देश को आजाद कराया।
मौके पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए वरीय शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि आज महात्मा गांधी जी का 77वीं पुण्यतिथि है। आज के ही दिन वर्ष 1948 में नाथूराम गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या की थी। उन्होंने बच्चों को बापू जी की महानता और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी ने अहिसा के रास्ते पर चलकर देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराया। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिसा के बल पर ही देश को आजादी दिलाई तथा वह हमेशा सत्य और अहिसा के मार्ग पर डटे रहे।
शिक्षिका पूजा कुमारी ने कहा कि हमें भी सत्य और अहिसा के मार्ग पर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश देते हुए गांधी जी के विचारों को आत्मसात करने की बात कही।
शिक्षक सच्चिदानंद प्रसाद ने कहा कि गांधी जी का संपूर्ण जीवन सत्य अहिंसा, स्वतंत्रता और मानवता का प्रतीक रहा। अफ्रीका से भारत तक उनका संघर्ष, संकल्प और विराट व्यक्तित्व हम सबके लिए प्रेरणा है। उनका जीवन हमारे लिए आदर्श का प्रतीक है और मैं उन्हें पूरी विनम्रता के साथ उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
शिक्षक जितेंद्र कुमार मेहता ने कहा कि गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर चलते हुए भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष के लिए सत्याग्रह के प्रबल समर्थक और अग्रणी नेता थे।
इस दौरान शिक्षक रणजीत कुमार सिन्हा, अरविंद कुमार शुक्ल, अनुज कुमार, सुरेश कुमार, सतीश कुमार, मनुशेखर कुमार ,विश्व रंजन कुमार, मो. रिजवान आफताब, मुकेश कुमार, रामजी चौधरी, हीरामणि कुमार, जॉशन कुमार, आदित्य कुमार,  निशांत कुमार, सोनाली कुमारी, चांदनी कुमारी, गुड़िया कुमारी, नंदनी कुमारी, रेखा कुमारी, स्वीटी कुमारी, लबली कुमारी, शिवानी कुमारी, अंशु कुमारी, राधिका कुमारी, खुशी कुमारी एवं बाल संसद की शिक्षामंत्री नीतू कुमारी सहित विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने प्रमुखता से भाग लिया।

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