जननायक कर्पूरी ठाकुर राजनीति के कबीर थे : राकेश बिहारी ...!!
● लोकतंत्र के कबीर थे भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर
●कर्पूरी ठाकुर सादगी में जीते हुए गरीबों के सच्चे मसीहा बनकर उभरे
सोहसराय-बबुरबन्ना, 18 फरवरी 2025 : अखिल भारतीय नाई संघ ट्रेड यूनियन, नालंदा की ओर से साहित्यिक भूमि बबुरबन्ना स्थित बिहारी निवास में 17 फरवरी देरशाम को भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की 37 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय नाई संघ ट्रेड यूनियन के जिलाध्यक्ष रंजीत कुमार शर्मा व संचालन संघ के संयोजक राकेश बिहारी शर्मा ने किया।
मौके पर मंच संचालन करते हुए नाई संघ के संयोजक राकेश बिहारी शर्मा ने भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर को ईमानदारी और सादगी का प्रतीक बताते हुए कहा कि बिहार में नेता प्रतिपक्ष, उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए भी उन्होंने हमेशा पिछड़ों, दलितों और शोषितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को भारतीय राजनीति का संत बताते हुए कहा कि वे सादगी में जीते हुए गरीबों के सच्चे मसीहा बनकर उभरे। भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी राजनीति एवं लोकतंत्र के कबीर थे। वे फकीरी में रहते हुए गरीबों की लड़ाई लड़ते रहे और जीवनभर फक्कड़ बने रहे। उन्होंने संकल्प लिया था कि जब तक गरीबों के घर नहीं बनते, वे खुद भी झोपड़ी में रहेंगे।
अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष रंजीत कुमार शर्मा ने कहा कि अपने मुख्यमंत्रित्व काल में जननायक कर्पूरी ठाकुर जी सामाजिक न्याय आंदोलन को गति देते हुए समाज के पिछड़े व दलित समाज के लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने में अहम भूमिका निभाई थी। उनका मानना था कि ऐसे लोगों को समाज के मुख्य धारा में लाए बिना सामाजिक न्याय की परिकल्पना साकार नहीं हो सकता है।
मौके पर शंखनाद के कोषाध्यक्ष भाई सरदार वीर सिंह ने कहा कि नाई जाति में जन्मे महानायक कर्पूरी ठाकुर ने राजनीति को जनसेवा के रूप में जिया और गरीबों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते हुए 'जननायक' के रूप में ख्याति प्राप्त की।
मौके पर समाजसेविका सविता बिहारी ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर राजनीतिक जीवन में उनका कृतित्व और व्यक्तित्व अनुकरणीय है। उन्होंने पिछडे, दलितों और अगड़ी गरीब जातियों के लिए भी आरक्षण दिया, इसलिए उन्हें जननायक कहा जाता है। केंद्र की सरकार ने पिछले वर्ष इन्हें मरणोपरांत भारत रत्न दिया।
संघ के उपाध्यक्ष रणजीत कुमार अकेला ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय के पक्षधर थे और जब उन्होंने बिहार में संवैधानिक आरक्षण लागू किया, तो उन्होंने जाति से ऊपर उठकर समाज और आम जनता के लिए काम किया।
विनोद कुमार रजक ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने जीवनपर्यंत समाज के पिछड़े लोगों के उत्थान के लिए कार्य किया और सच्चे मायने में एक जननायक थे।
मौके पर निगरानी अध्यक्ष विक्रम कुमार, कोषाध्यक्ष राकेश कुमार, सचिव जनार्दन ठाकुर, महासचिव परमिंदर शर्मा, डॉ. हजारी लाल, सुरेंद्र प्रसाद शर्मा, सुरेंद्र साव, अरविंद कुमार शर्मा, अशोक कुमार, मुन्ना कुमार, भीम कुमार शर्मा, संतोष शर्मा सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें - शंखनाद