●दुनिया को दंग करती है बिहार की कई लाजवाब विरासत : राकेश बिहारी...!!

बिहार दिवस को लेकर ककड़िया विद्यालय में कई कार्यक्रम संपन्न 
●बिहार दिवस पर ककड़िया में त्रिदिवसीय कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक हुआ समापन
●बिहार दिवस पर ककड़िया विद्यालय में हुए त्रिदिवसीय कार्यक्रम   
● महाविहार की भूमि कहा जाने वाला बिहार आज 113 साल का हो गया
● बिहार दिवस पर ककड़िया के छात्र-छात्राओं ने निकाली प्रभात फेरी
नूरसराय, ककड़िया : नूरसराय प्रखंड के मध्य विद्यालय ककड़िया में त्रिदिवसीय 113 वीं बिहार स्थापना दिवस के कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार की देखरेख तथा शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा के संचालन में समारोह पूर्वक आयोजन किया गया।
मौके पर समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राओं के बीच संचालन निष्पादित करते हुए शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने बिहार की विशेषता, धार्मिक व पौराणिक स्थल, संस्कृति, सभ्यता आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। बिहार की कई लाजवाब विरासतें दुनिया को दंग करती है। उन्होंने बिहार के अस्तित्व में आने और इसके स्वाभिमान पर चर्चा करते हुए कहा कि 22 मार्च 1912 को बिहार राज्य का गठन हुआ। उस समय ब्रिटिश सरकार ने पहली बार इस क्षेत्र को बंगाल से अलग किया और इसे एक स्वतंत्र राज्य बनाया। उन्होंने कहा कि 1764 में लड़ी गई ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ अवध के मुगल राजा शाह आलम द्वितीय नवाब और बंगाल के नवाब की संयुक्त सेना के बीच बक्सर की लड़ाई के लिए लोगों का एक बड़ा समूह भी इस दिन को याद करता है।
समारोह के दौरान विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों के साथ प्रभात फेरी निकाली। बच्चों ने बिहार स्थापना दिवस का बैनर लिए विद्यालय के पोषक क्षेत्र के गलियों में होते हुए भ्रमण किया। इस दौरान बच्चों ने शिक्षित व समृद्ध बिहार बनाएंगे गंदगी नहीं फैलाएंगे जैसे गगनभेदी नारे लगाए। शिक्षकों के मार्गदर्शन पर छात्रों ने बाल विवाह, लड़का-लड़की एक समान एवं दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ भी नारे लगाकर समाज को संदेश दिया। इस वर्ष "उन्नत बिहार विकसित बिहार" की थीम पर बिहार दिवस मनाया गया। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जल जीवन हरियाली, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक सुधार, खुले में शौच से मुक्ति, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान चलाया।
मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार के लिए 22 मार्च का दिन बेहद खास है। इसी दिन बिहार को बंगाल से अलग कर राज्य का दर्जा दिया गया। हर बिहारी को इस का गर्व रहता है। 'बिहार दिवस' बिहार के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक गौरव-बोध का पावन दिन है। 22 मार्च, 1912 को बिहार पृथक राज्य के रूप में स्वतंत्र अस्तित्व में आया, इसी कारण इस दिन 'बिहार दिवस' का आयोजन पूरे देश एवं दुनिया में बिहारवंशी करते हैं। यह अत्यन्त प्रसन्नता की बात है कि बिहार सरकार अपने गौरवशाली इतिहास एवं अपने महापुरूषों को याद करने तथा बिहार के सतत विकास हेतु संकल्पित होने के लिए वर्ष 2009 से लगातार 'बिहार दिवस' का आयोजन कर रही है।
कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं के बीच भाषण, क्विज, निबंध, पेंटिग, रंगोली तथा गणित ओलंपियाड आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। तत्पश्चात सोमवार को त्रिदिवसीय समापन समारोह में विद्यालय परिवार द्वारा सफल हुए प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया।
इस दौरान शिक्षक रणजीत कुमार सिंहा, अनुज कुमार, मनुशेखर कुमार, मो. रिज़वान अफ़ताब, सुरेश कुमार, विश्वरंजन कुमार, मुकेश कुमार, अरविन्द कुमार शुक्ला, छात्रा सुंदरी कुमारी, मायावती कुमारी, नंदनी कुमारी, बबली कुमारी, पल्लवी कुमारी, राधा कुमारी, सोनाली कुमारी, हीरामणि कुमार, राजवीर कुमार, गुलशन कुमार सहित बाल संसद के प्रधानमंत्री सौरभ कुमार, शिक्षा मंत्री नीतु कुमारी एवं विद्यालय परिवार के सैकड़ों छात्र-छात्राएं शामिल रहे।

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