बामसेफ का एक दिवसीय कैडर प्रशिक्षण संपन्न....!!
● बामसेफ का एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण संपन्न
बिहारशरीफ, 23 मई 2025 को सागर हॉस्पिटल रहुई रोड स्थित बामसेफ कार्यालय में गुरुवार की देर शाम बामसेफ का एक दिवसीय कैडर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें जिले भर से कई कर्मचारी, शिक्षक, सहायक अध्यापक, किसान, युवा, विद्यार्थी, अम्बेडकरवादी, एससी, एसटी, ओबीसी, माइनॉरिटी के लोग उपस्थित रहे।
जिसमें मुख्य प्रशिक्षक एवं प्रखर वक्ता के रूप में राष्ट्रीय बहुजन प्रशिक्षक एवं रणनीतिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय मू. हेमराज सिंह पटेल थे। प्रशिक्षण सत्र में एससी और ओबीसी के संगठनात्मक पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया गया।
प्रशिक्षण सत्र में पीपीआईडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय प्रशिक्षक माननीय मू. हेमराज सिंह पटेल ने कहा कि फुले साहब और बाबा साहेब के विचारों को देशभर में जन-जन तक पहुंचाने के लिए डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के अनुयाइयों ने बामसेफ संगठन का निर्माण किया था। इस संगठन के प्रचार-प्रसार के कारण निर्माण हुई जागृति से बहुजन समाज पार्टी अर्थात बीएसपी का निर्माण हुआ ताकि फूले-अंबेडकर विचारधारा के तहत मूलनिवासियों की देश सत्ता में हिस्सेदारी सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि बामसेफ का मुख्य उद्देश्य व्यवस्था परिवर्तन कर देश में समता, स्वतंत्रता, बंधुता एवं न्याय पर आधारित समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करना है। बामसेफ के वर्तमान में 91 सहयोगी संगठन है जो देश में एससी, एसटी, ओबीसी एवं समय-समय पर धर्म परिवर्तित लोगों में भाईचारा निर्मित कर राष्ट्रीय स्तर पर विशाल संगठन शक्ति का निर्माण कर व्यवस्था परिवर्तन के लिए जन आंदोलन निर्माण करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में बामसेफ के साथ दुश्मन द्वारा निर्मित एससी, एसटी, ओबीसी की 6747 जातियों में से 4200 जातियों के लोग जुड़कर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से कार्य कर रहे है। फूले-अम्बेडकरी आंदोलन के लाखों कार्यकर्ता इस बात की अफ़सोस जताते हैं कि जिन उद्देश्यों से बीएसपी बनाई गई थी वो पिछले कुछ वर्षों उन उद्देश्यों को भूल कर पिछले दशकों से लगातार पतन करती नज़र आ रही हैं। इसका मूलनिवासी बहुजन समाज की राजनीति पर गंभीर परिणाम हो रहा है। इस गंभीर स्थिति को समझते हुए बामसेफ से प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं को पुनः पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) के रूप में राजनीतिक पार्टी का गठन करना पड़ा। जो देश की राजनीति में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने बताया कि पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) ने राष्ट्रीय स्तर पर संगठन खड़ा किया हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के साथ-साथ दिल्ली, बिहार, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, महाराष्ट्र आदि राज्यों में विधानसभा चुनाव भी लड़ें हैं। भारतीय संविधान को लागू करने हेतु फूले-अम्बेडकरी विचारधारा के तहत कार्य करने वाली यह पार्टी लोकतान्त्रिक मूल्यों के आधार पर अपने पार्टी कैडर को प्रशिक्षित कर रही है। इसी के तहत पार्टी के सदस्यों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए बताया कि, हमारे समाज के दिमागों में ब्राह्मणवादी बीज बोये गए हैं उन्हें जड़मूल से उखाड़कर हमें फूले अम्बेडकरी विचारों के बीज बोने होंगे। उन्होंने कहा कि पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक दिसंबर 2017 में स्थापित हुई थी। लेकिन इस को चुनाव आयोग की ओर से पंजीकरण 31 अक्टूबर 2018 को प्राप्त हुआ था। इसके बाद इस पार्टी ने उनके सामने आए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अपने संगठन का विस्तार किया। उन्होंने कहा सामाजिक संगठन के साथ जुड़े होने की वजह से यह पार्टी इतने कम समय में 11 से अधिक राज्यों में अपनी राज्य इकाइयां और इन राज्यों के अधिकांश जिलों में जिला इकाइयां गठित कर सकते हैं। यह पार्टी फुले-अंबेडकर विचारधारा के तहत स्थापित हुई है और लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत कार्य करती हैं। कहा कि आमतौर पर ऐसी राजनीतिक पार्टियां देखते होंगे कि जिसके अध्यक्ष या तो किसी खास परिवार से होते हैं या फिर व्यक्तिवादी होते हैं। अर्थात एक ही व्यक्ति कई वर्षों तक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन बैठता है। लेकिन पीपीआईडी की कार्यकारिणी 2 वर्ष तक के लिए रहती है। वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मू. हेमराज सिंह पटेल जी बामसेफ इस राष्ट्रीय सामाजिक संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत रहे हैं। साथ ही वें पूर्णकालिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने शुद्र, दलित या पिछड़े वर्ग के शोषण का मुख्य कारण अशिक्षा ही रही है जिसे महात्मा फुले ने सामाजिक विश्लेषण करते हुए एक कविता के माध्यम से बताया।
इस प्रशिक्षण सत्र में प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित नालंदा के प्रभारी एवं राज्य परिषद सदस्य डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि 14 अप्रैल को डॉ. बाबा साहब की जन्मदिन का कार्यक्रम भारत ही नहीं पूरे विश्व में मनाया जाता है। मगर बाबा साहब का जीवन संदेश के उपर चर्चा करना या उनके द्वारा अधूरे कार्य को पूरा करने वाला बहुजन समाज दिशाहीन होकर दुश्मनों के गोद में बैठ गये हैं। इसी वजह से हमारा बहुजन समाज नेतृत्वविहीन हो गया है। उन्होंने बताया हम कैसे अपने मूलनिवासी महापुरखों के विचारधारा के आधार पर अपने समाज को सुधार सकते हैं। उन्होंने फूले-अंबेडकरवादी आंदोलन के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए इससे जुड़े कई संगठनों की भूमिका की सराहना की और प्रशिक्षुओं को महात्मा फुले एवं अंबेडकर के सूक्ष्म इतिहास से अवगत कराया।
प्रशिक्षक के रूप में मूलनिवासी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मू. केशो जमादार ने गौतम बुद्ध, साहू जी महाराज, पेरियार, बिरसा, फुले, अंबेडकर एवं तमाम बहुजन महापुरुषों की विचारधारा के बारे में बताया तथा उनका इतिहास बताया। कहा कि इस देश में रह रहे मूलनिवासी लोगों को शासक वर्ग द्वारा किस तरह हाशिये की ओर धकेला जा रहा है। कैसे निजीकरण के माध्यम से आरक्षण को कमजोर किया जा रहा है। कैसे ईवीएम मशीन की बदौलत वोट की हेरा-फेरी की जा रही है।
मौके पर बामसेफ के जिला सचिव राजेश कुमार रमण ने कहा कि शुद्र, दलित या पिछड़े वर्ग के शोषण का मुख्य कारण अशिक्षा ही रही है। फुले और अंबेडकर के आदर्शो का भारत बनाने का फार्मूला भी बताया। जिसमें हर घर में भारतीय संविधान का फार्मूला प्रमुख है। उन्होंने कहा- युग पुरूष कांशीराम ने छह दिसंबर 1978 को बामसेफ का गठन कर के समाज के दबे, कुचले और कमजोर वर्ग को सोने से जगाने का काम किया था, ताकि राजनैतिक व आर्थिक जीवन में समानता लाई जा सके।
इस प्रशिक्षण सत्र में मुख्य रूप से रमेश पासवान, शिव वालक पासवान, राकेश बिहारी शर्मा, सुशांत कुमार, अनिल पासवान, मो. जाहिद हुसैन, कमलेश कुमार, सत्येंद्र मिस्त्री, रामेश्वर मिस्त्री, दिलीप कुमार, नंदू रविदास, श्याम रविदास, रामजतन कुमार, चिंटू कुमार, मनीष कुमार, रविंद्र कुमार, वीर बहादुर मांझी, धर्मेंद्र कुमार, रामजतन कुमार, महेंद्र प्रसाद, नंदू रविदास, उमेश कुमार, श्रवण रविदास सहित कई दर्जन लोगों ने प्रशिक्षण में भाग लिया।
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