बामसेफ के जिला कमेटी का पुनर्गठन रंजीत पासवान बने जिलाध्यक्ष....!!
● कमजोर वर्ग के कर्मचारियों और अधिकारियों का बामसेफ एक विचारधारा है
बिहारशरीफ,15 जून 2025 : बामसेफ (बैंकवर्ड एंड माइनोरिटी कम्युनिटी इम्पलॉयज फेडरेशन) नालंदा की जिला स्तरीय बैठक सागर हॉस्पिटल न्यू रहुई रोड, लोहगानी-सोहसाराय में की गई। साथ ही साथ बामसेफ के संघर्षशील नई जिला कमेटी का पुनर्गठन किया गया। जिसकी अध्यक्षता संगठन के राज्य परिषद् सदस्य एवं कैडर प्रशिक्षक डॉ. राजीव रंजन ने की।
बामसेफ जिला स्तरीय कमेटी का पुनर्गठन :
बैठक के दौरान बामसेफ के जिला प्रभारी सह पर्यवेक्षक सुरेश कुमार सुमन एवं बामसेफ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आलोक कुमार के देख-रेख में जिला कमेटी का पुनर्गठन किया गया। जिसमें रंजीत पासवान को अध्यक्ष, साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा को उपाध्यक्ष, जाहिद हुसैन को सचिव एवं संगठन सचिव की जिम्मेदारी राजेश कुमार रमण को दी गई। तथा कार्यालय सचिव के पद पर अजय कुमार को बनाया गया। साथ ही साथ इसके अतिरिक्त नौ कार्यकारिणी सदस्यों को भी मनोनीत किया गया।
साथ ही साथ मूल निवासी संघ का भी पुनर्गठन किया गया :
पुनर्गठन में मूल निवासी संघ के अध्यक्ष पद पर दिलीप कुमार चौहान को चुना गया, तथा महासचिव मूल निवासी संघ के पद पर रामाश्रय पासवान को चुना गया। उपाध्यक्ष के पद पर श्रवन दास, नगीना पासवान को तथा संगठन सचिव अरुण कुमार, दीपक मिस्त्री को चुना गया। कार्यकारिणी सदस्य चिंटू कुमार को चुना गया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आलोक कुमार जी के देख रेख में संपन्न हुआ। इस अवसर पर सभी नव चयनित पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को “बामसेफ” पुस्तक देकर सम्मानित किया गया।
मौके पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए बामसेफ के जिला उपाध्यक्ष सह मीडिया प्रभारी राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि फुले साहब और बाबा साहेब के विचारों को देशभर में जन-जन तक पहुंचाने के लिए डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के अनुयाइयों ने बामसेफ संगठन का निर्माण किया था। ताकि फूले-अंबेडकर विचारधारा के तहत मूलनिवासियों की देश सत्ता में हिस्सेदारी सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि बामसेफ का मुख्य उद्देश्य व्यवस्था परिवर्तन कर देश में समता, स्वतंत्रता, बंधुता एवं न्याय पर आधारित समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करना है।
बैठक सह प्रशिक्षण सत्र में बामसेफ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मू. आलोक कुमार ने संबोधित करते हुए बामसेफ के क्रियाकलापों के बारे में बताते हुए कहा कि बामसेफ संगठन ही पिछड़े, अतिपिछडे, गरीबों और अकलियतों का हिमायती है। उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि बामसेफ संगठन ने महापुरुषों के मिशन को पुनर्जीवित किया और महापुरुषों का सच्चा मिशन समझाया। बामसेफ ने मूवमेंट को राष्ट्रव्यापी बनाया और 40 देशों में, 31 राज्यों में, 550 जिलों में, 4500 तहसीलों में, 25 हजार ब्लॉकों में और 2.5लाख गांवों में पहुंचाया है। बामसेफ ने संगठन को कैडर बेस, लीडर बेस, नॉलेज बेस, फ्रीडम बेस बनाया। बामसेफ ने 6743 जातियों में से 4 हजार जातियों को जोड़कर भाई-चारा बनाया। बामसेफ ने दोस्त और दुश्मन की पहचान करवाई है। बामसेफ ने ओबीसी की जाति आधारित गिनती का मुद्दा लगातार उठाये रखा है। बामसेफ ने ओबीसी को मंडल कमीशन का पूरा इतिहास बताया। बामसेफ ने संतो का सच्चा आंदोलन बता, ये साबित किया कि ये भक्ति-आंदोलन नहीं था; बल्कि ये संत हमारी आजादी का आंदोलन लड़ रहे थे। बामसेफ ने पुरे देश को बताया कि सच्चे राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले हैं। बामसेफ ने बताया कि आजादी का आंदोलन लड़ने वाले सच्चे व्यक्ति फुले, शाहूजी और बाबा साहब हैं। बामसेफ ने बताया कि 1857 की क्रान्ति के सूत्रधार मंगल पांडे नहीं हैं, बल्कि मातादीन भंगी थे। बामसेफ ने बताया कि हम सब बौद्ध थे और मनुवादियों ने हम सबको अछूत, शूद्र, जंगली बनाया था और महिलाओं को दास बनाया। बामसेफ ने ही ये पूरे भारत को बताया कि ब्राह्मण विदेशी हैं और डीएनए का पर्दाफाश किया। बामसेफ ने आज ईमानदार कर्मचारियों को संगठन की विचारधारा से जोड़कर, उन्हें सच्चे मिशन को समझाकर उनको समाज के प्रति ईमानदार बनाया। बामसेफ ने आज महिलाओं और छात्राओं में लीडरशिप निर्माण कर उन्हें दबंग बनाया। बामसेफ ने आज डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, बिजनेसमैन, जज के अलग- अलग संगठन बना, उन्हें समाज के प्रति ईमानदार बनाया। बामसेफ ने, न बिकने वाले स्वाभिमानी समाज को तैयार किया और उनको बड़ी- बड़ी जिम्मेदारी देकर, उनसे बड़े- बड़े काम निकलवाकर उनमें हौंसला निर्माण किया। बामसेफ ने एसटी वर्ग (अनुसूचित जनजाति) के लिए संविधान की पांचवीं तथा छठी अनुसूची के आधार पर बताया कि जल, जंगल, जमीन पर आदिवासी का अधिकार है। बामसेफ ने एससी वर्ग (अनुसूचित जाति) के राजनीतिक आरक्षण के आधार पर चुने जाने वाले दलालों का पर्दाफाश किया। बामसेफ ने तमाम मूलनिवासी महापुरुषों के सच्चे इतिहास को, आज सबके सामने लेकर आया। बामसेफ ने आज तक कभी सिद्धांत, विचारधारा, उद्देश्य, रणनीति और फैंसले लेने के मामले में किसी के साथ समझौता नहीं किया।
मौके पर बामसेफ के राज्य परिषद् सदस्य मू. डॉ.राजीव रंजन ने कहा कि बामसेफ का हरेक कार्यकर्ता केवल बामसेफ के विचारधारों को बढ़ाने का कार्य नहीं करता है बल्क़ि गरीब-गुरबों को विकास के मुख्य धारा में जोड़ने का काम करती है। उन्होंने बामसेफ और मूलनिवासी संघ के बारे में बताते हुए कहा- मूलनिवासी संघ एक राष्ट्रीय स्तरीय सामाजिक संगठन हैं, जो बामसेफ जैसे विशाल संगठन का एक सक्रिय हिस्सा हैं। फुले-आंबेडकरी विचारधारा पर आधारित बामसेफ और मूलनिवासी संघ पिछले कई सालों से लगातार प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से मूलनिवासी बहुजन समाज को संविधान, संविधान में दिए उनके अधिकार और मूलनिवासी महापुरखों के संघर्षों के प्रति जागरूक कर रहा हैं। उन्होंने संगठनात्मक व्यवहार का महत्व समझाते हुए कहा कि, संगठन का स्थायित्व हमारे संगठनात्मक व्यवहार पर निर्भर करता हैं। यह संगठनात्मक व्यवहार केवल कार्यकर्ताओं के लिए सीखना आवश्यक नहीं हैं, इसके लिए विशेष प्रशिक्षण नेतृत्व से लेकर सदस्य तक में होना बहुत आवश्यक हैं। उन्होंने संगठन की मजबूती पर बल दिया।
मौके पर राजेश कुमार रमण ने संगठन विस्तार पर एवं नालंदा जिला के ज्वलंत समस्या पर चर्चा की। उन्होंने अपने कार्यकाल के अनुभव साझा करने के साथ सभी कार्यकर्ताओं का स्वागत सम्बोधन किया। उसके बाद अपनी वार्षिक रिपोर्ट को बैठक में रखी तथा रिपोर्ट को सर्वसम्मति से पास किया। तत्पश्चात कोषाध्यक्ष ने आय-व्यय का ब्यौरा तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 की रिपोर्ट बैठक में रखी। कुछ सवाल जवाब के बाद वित्त रिपोर्ट को भी सदस्यों ने पास किया।
बैठक एवं चुनाव प्रक्रिया में मुख्य रूप से संविधान प्रबोधक श्रीकांत कुमार, धनंजय कुमार, केशो जमादार, रामाश्रय पासवान, रामफल पंडित, वीरेंद्र प्रसाद, मो.शाहनवाज आलम, श्रवन रविदास, उमेश कुमार, महेंद्र प्रसाद, नगीना पासवान, अरुण कुमार, विश्वामित्र जमादार सहित बामसेफ के कई पदाधिकारी एवं सुयोग्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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