पुण्यतिथि पर याद किये गये समाजसेवी जननेता वीरचन्द पटेल....!!
● पुण्यतिथि पर याद किये गये वीरचन्द पटेल
● विचारों की राजनीति के प्रतीक थे वीरचन्द पटेल
● स्वर्गीय वीरचन्द पटेल की चतुर्थ पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित
बिहारशरीफ, 2 जून 2025 : शहर के छोटी पहाड़ी मोहल्ले में समाजसेवी नेता वीरचन्द पटेल की चौथी पुण्यतिथि सोमवार को शंखनाद के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह की अध्यक्षता में मनाई गई। मौके पर स्व. वीरचन्द पटेल जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि सभा का शुभारंभ किया गया।
मौके पर शंखनाद के महासचिव राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि समाजसेवी एवं लोकप्रिय जननेता स्व. वीरचन्द पटेल जी का जन्म हरनौत प्रखंड के बिरमपुर गांव में एक साधारण संघर्षशील एवं कर्मयोगी परिवार में हुआ था। इनका निधन कोरोना काल में कोरोना से ग्रषित हो जाने के कारण हो गया था। ये शोषित, दलित, वंचित वर्गों के हक के लिए हमेशा लड़ते रहे। उन्होंने बताया कि पटेल जी समाज के सभी वर्गों को एक साथ लेकर चलने पर विश्वास करते थे। वह जात की नहीं जमात की राजनीति करते थे। समाज के दबे कुचले वर्गों के मसीहा बनकर उनकी हर संभव मदद करते थे। आज उनकी कमी पूरे जिले वासियों को खल रही है।
सभा में अध्यक्षता करते हुए शंखनाद के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि स्वर्गीय वीरचन्द पटेल सिर्फ एक जन नेता नहीं, बल्कि निर्भीक समाजसेवी भी थे। उन्होंने कहा कि वीरचन्द पटेल जी ने जनसेवा को ही राजनीति का माध्यम बनाया और जो भी समाज के द्वारा जिम्मेदारी मिली, उसे पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ निभाया। उन्होंने कहा कि वीरचन्द पटेल जी विज्ञान के विद्यार्थी थे, लेकिन उनकी सामाजिक चेतना और राजनीतिक दूरदर्शिता अद्वितीय थी।
मौके पर सनीचरा कवि गोष्ठी के अध्यक्ष सुभाषचंद्र पासवान ने कहा कि स्व. वीरचन्द पटेल जातिवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के प्रतीक थे। उन्होंने कभी किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक बुराइयों से लड़ाई लड़ी। उनके सार्वजनिक जीवन में कोई दाग नहीं था, और उनकी पारदर्शिता आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है।
शायर बेनाम गिलानी ने कहा कि जननेता स्व.वीरचन्द पटेल जी दूरदर्शी सोच के धनी थे। उनका सपना था कि समाज के दबे कुचले वर्गों के बच्चों को उचित और बेहतर शिक्षा मिले।
शंखनाद के मीडिया प्रभारी नवनीत कृष्ण ने कहा, वीरचन्द पटेल संघर्षशील जन नेता थे, लेकिन उन्होंने कभी भी भाषा की मर्यादा नहीं तोड़ी। वे कई संगठन के सूत्रधार रहे थे और उनका अल्प जीवन आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
कवि महेंद्र कुमार विकल ने कहा कि वीरचन्द पटेल जी जनमानस के पथप्रदर्शक थे। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।
श्रद्धांजलि सभा में प्रोफेसर डॉ. शकील अहमद अंसारी, सरदार वीर सिंह, अरसद रज़ा, आशा देवी, रुखसाना, सद्दाम हुसैन, श्रीमती शिला चंद्र पासवान, दिव्यांश, हनी समेत कई लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
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