पर्यावरण पृथ्वी के आभूषण ही नहीं प्राणदाता भी हैं : महेन्द्रपाल सिंह ढिल्लन....!!
● पर्यावरण प्रेमियों ने अधिक से अधिक पौधे लगाने का लिया संकल्प
●पर्यावरण का करें सम्मान कल होगा जीवन खुशहाल
● आप जंगल नष्ट करेंगे तो वो आपको भी नष्ट करेंगे
बिहारशरीफ, 5 जून 2025 : गुरुवार को बिहार सिख फेडरेशन के तत्वावधान में बिहारशरीफ के भरावपर स्थित श्री गुरु नानक संगत पैजाबा गुरुद्वारा के परिसर में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर फेडरेशन के सदस्यों एवं साहित्यकारों ने पौधारोपण एवं पूर्व में लगाये गये पौधे को संरक्षित कर पर्यावरण को हरा-भरा बनाने के लिए संकल्प लिया। साथ ही उपस्थित लोगों ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली। वहीं शपथ ग्रहण में कई पर्यावरण प्रेमी भी शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्म प्रचार कमिटि तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के अध्यक्ष महेन्द्रपाल सिंह ढिल्लन ने जबकि संचालन शंखनाद के महासचिव राकेश बिहारी शर्मा ने किया।
पर्यावरण पृथ्वी के आभूषण ही नहीं प्राणदाता भी हैं : महेन्द्रपाल सिंह
अध्यक्षता करते हुए धर्म प्रचार कमिटि
तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब धर्म प्रचार कमिटि के अध्यक्ष महेन्द्रपाल सिंह ढिल्लन ने कहा कि पेड़ पौधे पृथ्वी के आभूषण ही नहीं प्राणदाता भी हैं। इसी सोच के साथ विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण किया गया है। पौध रोपण के साथ उन्होंने पौध रोपण की महत्ता के बारे में जानकारी दी। और लोगों से अपील किए कि हर शख्स कम से कम पांच पौधे अवश्य रोपे साथ ही उसकी देखभाल भी करें। मानव जीवन को बचाने के लिये स्वच्छ पर्यावरण संरक्षण जरूरी है। पर्यावरण का करें सम्मान कल होगा जीवन खुशहाल। उन्होंने बताया कि सिखों के नौवें गुरुजी ने अपने शिष्यों व गुरुनानक नामलेवा को संतान के लिए पेड़ लगाने का संदेश दिया। वह जगह आज भी अवस्थित पटना साहिब के पवित्र और ऐतिहासिक स्थान गुरुद्वारा गुरु का बाग है।
पर्यावरण के बिना मानव का अस्तित्व असंभव है : राकेश बिहारी
मौके पर शंखनाद साहित्यिक मंडली के महासचिव शिक्षाविद् साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के आयोजन की विस्तृत जानकारी देते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि पर्यावरण के बिना मानव का अस्तित्व असंभव है। विश्व में हर साल की तरह इस बार भी 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। पर्यावरण के प्रति बढ़ते खतरों को रोकने और इसे सुरक्षित करने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। पर्यावरण सुधारने और इसे बिगाड़ने के लिए मानव ही जिम्मेदार है। ऐसे में हमें पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए अपना योगदान देना चाहिए। आप जंगल नष्ट करेंगे तो वो आपको भी नष्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस की नींव 1972 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में रखी गई। 5 जून 1974 में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
पौधा लगाकर उसकी सुरक्षा और उचित देखभाल करें : त्रिलोक सिंह
मौके पर बिहार सिख फेडरेशन के संस्थापक अध्यक्ष माननीय श्री त्रिलोक सिंह निषाद जी ने कहा कि पृथ्वी हमारी मां के समान है, उसकी रक्षा, संरक्षण हर पीढ़ी का दायित्व है। प्रत्येक व्यक्ति को पौधा लगाकर उसकी सुरक्षा और उचित देखभाल कर वृक्ष बनाएं एवं अपने आसपास के तालाब, नदी, पोखर एवं अन्य जल स्रोतों को प्रदूषित नहीं करें। उन्होंने कहा- कोरोना काल में लोग आक्सीजन की कमी होने से दम तोड़ गए। वर्तमान समय में भी शुद्ध हवा मिलना मुश्किल है।
मौके पर हिंदू जागरण के क्षेत्र संयोजक साहित्यकार विनोद कुमार सिंह यादव ने कहा- जल, जंगल और जमीन इन तीन तत्वों से पर्यावरण का निर्माण होता है। यदि यह तत्व न हों तो पर्यावरण पृथ्वी पर अधूरी है। विश्व में ज्यादातर समृद्ध देश वही माने जाते हैं जहां इन तीनों तत्वों का बाहुल्य हैं।
इस दौरान शंखनाद के मीडिया प्रभारी राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण, गुरुद्वारा श्री गुरु नानक संगत पैजाबा बिहारशरीफ के ग्रंथी भाई सतनाम सिंह, बिहार सिख फेडरेशन नालंदा के महासचिव सतनाम सिंह, विश्व हिंदूपरिषद नालंदा के जिला मंत्री अमरेंद्र कुमार सिंहा, विश्व हिंदू परिषद नालंदा के कार्यकारणी सदस्य कुंदन कुमार, ग्रंथी भाई रवि सिंह जी, दीपक राज, अभिषेक कुमार, गोलू सिंह, मनीष कुमार सहित कई पर्यावरण प्रेमी मौजूद रहे।
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