समारोह: मध्य विद्यालय ककड़िया में मनाई गई प्रेमचंद जयंती....!!

●ककड़िया विद्यालय में ‘कथा सम्राट’ मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई गई
● मध्य विद्यालय ककड़िया में शिद्दत से याद किए गए मुंशी प्रेमचंद

नूरसराय-ककड़िया, 31 जुलाई 2025 : नूरसराय प्रखंड के मध्य विद्यालय ककड़िया के चेतना सत्र में ‘हिंदी साहित्य के उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद’ की 145 वीं जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मुंशी प्रेमचंद जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पांजलि अर्पित से हुआ। जिसकी अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिक्षाविद दिलीप कुमार ने किया।
मुंशी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महान भारतीय लेखक :
मौके पर अध्यक्षता करते हुए प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने अपने सम्बोधन में मुंशी प्रेमचंद की जीवनी और हिंदी साहित्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान और उनकी ख्यातियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा- मुंशी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक थे। उनका मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव, प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने उनके द्वारा रचित उपन्यास एवं कहानी जैसे ‘पूस की रात’, गोदान, ईदगाह, पंच परमेश्वर, नमक का दरोगा आदि विख्यात रचनाओं द्वारा समाज को दिए जाने वाले संदेशों पर भी चर्चा की।
मुंशी प्रेमचंद की प्रत्येक रचना एक दर्पण का काम करती है :
मौके पर विद्यालय के शिक्षक शिक्षाविद् राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासकार एवं रचनाकार रहे। आज भी उनकी रचनाएं अपनी यथार्थता को व्यक्त करती है। समाज की कुरीतियों एवं उनके विचारों के प्रति मुंशी प्रेमचंद की प्रत्येक रचना एक दर्पण का काम करती है। प्रेमचंद के जीवन और साहित्य पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा- भ्रष्टाचार उस समय भी था और आज भी है इस लिए प्रेमचंद की कहानियां व उपन्यासों में कही गई बातें आज भी प्रासंगिक हैं। प्रेमचंद जी किसानों व मजदूरों तथा लाचारों के कथाकार थे। प्रेमचंद ने तात्कालिक समाज का जितना सपाट चित्रण अपनी लेखनी से किया है। वह कोई दूसरा साहित्यकार नहीं कर पाया। उन्होंने मुंशी प्रेमचंद को उनके जयंती पर नमन किया और सभी लोगों को उनके प्रति सम्मान एवं हिंदी साहित्य में मुंशी प्रेमचंद के योगदान के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्ति की।
शिक्षिका पूजा कुमारी ने कहा कि प्रेमचंद ने अभावों को जिया था। इसी लिए अभावों का जितना मार्मिक चित्रण उनकी लेखनी में मिलता है। उतना किसी अन्य साहित्यकार की कृति में नहीं मिलता। 
शिक्षक मनुशेखर कुमार गुप्ता ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने अपनी लेखनी और साहित्य से समाज सुधार का काम किया है। वे अपने पात्रों का जितना गहराई से मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करते थे। वह युवा के लिए मिसाल है।
इस समारोह में शिक्षक रणजीत कुमार सिन्हा, शिक्षक अरविंद कुमार शुक्ला, सुरेश कुमार, बाल संसद के प्रधानमंत्री अर्जुन कुमार, शिक्षामंत्री सलोनी कुमारी, शिक्षक अनुज कुमार, विश्रंजन कुमार, मो. रिजवान आफ़ताब, मुकेश कुमार, आयुष राज, मुन्नी कुमारी, नीतू कुमारी, पायल कुमारी, करीना कुमारी, सबली कुमारी, प्रीति कुमारी,  रजनी कुमारी, राधा कुमारी, अमोद कुमार, आदित्य कुमार, दिव्या भारती, वर्षा कुमारी, राशि कुमारी, राखी कुमारी, नंदनी कुमारी, अंजली कुमारी, करण कुमार, खुशी कुमारी, शबनम कुमारी सहित विद्यालय परिवार के सभी छात्र-छात्राओं ने प्रमुखता से भाग लिया।

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