बाबा धर्मदास मंदिर में पूजा महोत्सव का आयोजन....!!
●बाढ़ गुलाबबाग स्थित बाबा धर्मदास मंदिर में पूजा महोत्सव का आयोजन
पटना, 3 अगस्त 2025: पटना जिले के बाढ़ थाना क्षेत्र के गुलाबबाग चौक स्थित बाबा धर्मदास मंदिर के प्रांगण में बाबा धर्मदास पूजा महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता चन्द्रमौलि ठाकुर तथा मंच संचालन लोक गायक संगीत सम्राट मृत्युंजय ठाकुर ने किया। उपस्थित लोगों ने बाबा धर्मदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मंदिर में हवन व भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हवन में आहुति डालकर प्रसाद ग्रहण किया।
मौके पर राष्ट्रीय नाई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आजाद गांधी ने दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन कर शुरुआत की। मंच पर आजाद गांधी ने अध्यक्ष को मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए 51 हजार रुपये का चेक प्रदान किया।
महोत्सव के मुख्य अतिथि बाढ़ विधानसभा के विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि बाबा धर्मदास जी की वाणी को अपने जीवन मे उतारने की जरूरत है। ऐसे महापुरुष को अपना आदर्श मान कर जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बाबा धर्मदास मंदिर के परिसर का चहारदीवारी निर्माण करवाने की घोषणा की।
मौके पर महोत्सव के उद्घाटनकर्ता पूर्व विधान पार्षद माननीय आजाद गांधी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आगे बढ़ने के लिए समाज में समानता जरूरी है। हमें जाति-धर्म के भेदभाव से बाहर निकलना होगा।
महोत्सव के विशिष्ट अतिथि जेएनयू छात्र नेता डॉ. कुनाल बिहारी ठाकुर ने कहा- बाबा धर्मदास जी सत्य के साधक थे, सत्य की ओर जाने वाले यात्रियों का पथ-प्रदर्शन करने वाले अद्वितीय पथ-प्रदर्शक थे। उन्होंने अपने उपदेशों के द्वारा मानव समाज को उस महान आदर्श की ओर किया है, जिससे मानव महामानव बनता है, नर से नारायण बनता है। उन्होंने मंच से नाई समाज के 20 छात्र-छात्रा को निःशुल्क उच्च शिक्षा दिलाने की घोषणा की।
मौके पर शिक्षाविद समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि पिछड़े, अतिपिछड़े और शोषित तबके को समाज में बराबरी का हक दिए बगैर सर्वांगिण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा- बाबा धर्मदास जी श्री सद्गुरु कबीर साहब के प्रमुख शिष्य थे। ये श्रवण संस्कृति और बौद्ध धर्म उपासक एवं बौद्ध संस्कृति के ध्वज वाहक थे। उन्होंने बताया कि बाबा धर्मदास जी का जन्म संवत 1472 अर्थात 1416 ई. में माघ पूर्णिमा को बांधवगढ़ में हुआ था। बाबा धर्मदास के बचपन का नाम अनमोलन था। उनके पिता एक साधारण गृहस्थ थे। उनके गुरु का नाम रूपदास था। बाबा धर्मदास ने आध्यात्मिक ज्ञान के विस्तार के लिए उच्च वर्ग को नहीं, दलित और दमित सर्वहारा वर्ग को चुना। बाबा धर्मदास ने कबीर पंथ को पंथ के रूप में सशक्त ठोस रूप दिया। वे उच्च कोटि के संत और भक्त तो थे ही, उच्च कोटि के योगी और सिद्ध पुरुष भी थे। उन्होंने कहा कि पिछड़े, अतिपिछड़े और शोषित तबके को समाज में बराबरी का हक दिए बगैर सर्वांगिण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है।
मौके पर मंच संचालन करते हुए क्षेत्र के चर्चित् मशहूर लोक गायक व संगीतकार मृत्युंजय शर्मा ने कहा कि बाबा धर्मदास को नाई समाज अपने कुल देवता के रूप में पूजते हैं। बाबा धर्मदास समाज में बराबरी स्थापित करने के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे और एकता का संदेश दिया। धर्मदास बाबा अपना सम्पूर्ण जीवन समाज हित और सत्संग में बिताया था। वे बेहद ही परोपकारी महामानव थे। संगीतकार मृत्युंजय शर्मा एवं भिखारी ठाकुर सांस्कृतिक मंच के द्वारा संगीत के माध्यम से बाबा धर्मदास के जीवन पर कई भजनों को सुनाया।
मौके पर विधान पार्षद डॉ. उर्मिला ठाकुर ने कहा कि बाबा धर्मदास जी ने समाज से धर्म, जाति के भेदभाव को खत्म किया। उन्होंने समाज को समानता का संदेश दिया। उन्होंने कहा था कि मानव जाति या धर्म से नहीं बल्कि वह अपने अच्छे कार्मों से जाना जाता है। कार्यक्रम में शामिल लोगों ने उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।महोत्सव में बाबा धर्मदास का कैलेंडर अतिथियों के कर कमलों द्वारा लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर सर्वश्री शिक्षाविद् डॉ.कृष्ण मुरारी ठाकुर, श्याम सुन्दर कुमार शर्मा, पत्रकार समाजसेवी दीपक कुमार, बिहार राज्य नागरिक परिसद के सदस्य बच्चा राय, प्रिंस राज, कौशल सिंह, शिव पूजन कुशवाहा, धीरेन्द्र कुशवाहा, विनोद यादव, डॉ. श्रीकांत ठाकुर, सुनील ठाकुर, उमेश कुमार प्रभात, योगी ठाकुर, डॉ. राजेन्द्र ठाकुर, धीरज कुमार, अरुण बिहारी शरण, बुलबुल कुमारी, सुषमा कुमारी, विमला देवी, सुधा देवी, सविता बिहारी, राखी कुमारी सहित सैकड़ों बिहार प्रदेश के विभिन्न जिलों के बाबा धर्मदास जी के उपासकों ने भाग लिया।
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